आरोपी को कोर्ट ने दी अनोखी सजा, हफ्ते में 2 बार मरीजों की करनी होगी देखभाल

3/28/2019 1:27:27 PM

ग्वालियर: हाईकोर्ट की एकल पीठ ने नाबालिगा से छेड़खानी के आरोपी की 3 साल की सजा निलबिंत करने के लिए एक अनोखी सजा सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी की उम्र 20 साल है। अगर वह जनसेवा करता है तो उसमें सुधार जल्द आएगा। इसलिए वह बमोरी जिला गुना के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में हफ्ते में दो दिन मरीजों की सेवा करेगा। यह काम उसे अगले 6 महीने तक करना होगा। हर दो महीने में आरोपी के अधिवक्ता को उसके काम की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी। अपील की सुनवाई न्यायमूर्ति आनंद पाठक ने की।



जानकारी के अनुसार, गुना जिले के बमोरी थाने में एक नाबालिग ने 6 नवंबर 2015 को फिरोज खान निवासी हरिजन मोहल्ला बमोरी के खिलाफ शिकायत की। शिकायत के अनुसार नाबालिग स्कूल जा रही थी और रास्ते में फिरोज खान ने उसका हाथ पकड़ लिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट व छेड़खानी का केस दर्ज किया। जांच के बाद अपर सत्र न्यायालय में चालान पेश कर दिया। अपर सत्र न्यायालय ने आरोपी को दोषी मानते हुए 2 मार्च 2019 को 3 साल की सजा सुनाई और उसे जेल भेज दिया।


आरोपी ने हाईकोर्ट में सजा के फैसले को चुनौती दी। आरोपी के वकील की ओर से तर्क दिया गया कि वह नवयुवक है। उसे सुधरने का मौका दिया जाए। अगर उसे जेल में रखा जाता है तो उसका भविष्य खराब हो जाएगा। जिस पर हाईकोर्ट ने अध्ययन के बाद आरोपी की सजा को निलंबित करने के लिए अनोखी शर्त रखी।



कोर्ट ने कहा कि उसे बमोरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में मरीजों की चार घंटे सेवा करनी होगी। हफ्ते में दो दिन यह काम करना होगा। उसके अधिवक्ता काम की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे और आरोपी अपने अनुभव भी बताएगा। जेल से उसे 50 हजार के निजी मुचलके पर रिहा किया जाएगा। कोर्ट ने उसकी अपील को फाइनल सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया।

ASHISH KUMAR

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