दीपावली के अगले दिन होता है ''मौत का खेल'', गायों के पैर से खुद को कुचलवाते हैं लोग, उज्जैन में खेला जाता है अंधविश्वास का खौफनाक खेल!

10/26/2022 1:51:59 PM

उज्जैन(विशाल सिंह): उज्जैन के एक गांव है यहां दीपावली के अगले दिन 'मौत का खेल' होता है। जहां लोग गायों के पैर से खुद को कुचलवाते हैं। जी हां उज्जैन में आस्था के नाम पर अंधविश्वास का खेल चलता है। यहां लोग खुद को गायों के पैर तले रौंदवाते हैं और वो भी खुशी खुशी। दीपावली के अगले दिन मौत का ये खेल होता है, सिर्फ इसलिए कि वो ये मान बैठे हैं कि गाय के पैरों से खुद को रौंदने से साल भर घर में सुख समृद्धि आती है।

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उज्जैन के भीड़ावद गांव ऐसी परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है, जिसे सुनकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। चार हज़ार की आबादी वाले इस गांव में दीपावली के दूसरे दिन दर्जनों लोग मन्नत लेकर आते हैं और जमीन पर लेट जाते हैं। फिर उनके ऊपर गाय छोड़ दी जाती हैं। दर्जनों गाय जमीन पर लेटे लोगों के ऊपर से गुजर जाती हैं। इस मंज़र को देखने के लिए हर साल इस गांव में हजारों लोग जमा होते हैं।

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गांव में ये परंपरा कब शुरू हुई किसी को याद नहीं। लेकिन यहां के बुजुर्ग हों या जवान सभी इसे देखते हुए बड़े हुए हैं। इस गांव और आसपास के इलाकों के वो लोग यहां आते हैं जिन्हें मन्नत मांगनी होती है या जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है। वो दीपावली के पांच दिन पहले ग्यारस के दिन अपना घर छोड़ देते हैं और यहां माता भवानी के मंदिर में आकर रहने लगते हैं। दिवाली के अगले दिन फिर ये मेला लगता है। जिनकी मन्नत पूरी हो जाती है वो गायों के सामने जमीन पर लेट जाते हैं। इस साल भी गांव के सात लोगों ने मन्नत मांगी थी।


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meena

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