महाकाल पर चढ़े फूलों की खुशबू अब घरों में भी महकेगी, जानिए कैसे

12/11/2018 11:02:53 AM

उज्जैन: महाकालेश्वर सहित शहर के बड़े मंदिरों से निकलने वाले फूलों की खुशबू अब जल्द घरों में अगरबत्ती की महक बनकर पहुंचेगी। फूलों के निर्माल्य से अगरबत्ती बनाने के कारखाने की सोमवार से शुरुआत हो गई। मंगलनाथ रोड पर निगम की 20 हजार वर्गफीट जमीन पर कारखाना शुरू किया है। यहां फिलहाल मंदिर के फूलों की छंटाई होगी, उन्हें सुखाया जाएगा और प्रोसेस कर अगरबत्ती बनाने के लिए कारीगरों को मसाला देंगे। तैयार की गई अगरबत्ती के पैकेट बाजार में बिक्री के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। 



मंगलनाथ रोड पर आयुर्वेदिक कॉलेज के पास कलेक्टर मनीषसिंह और निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने पूजन अर्चन कर कारखाने की औपचारिक शुरुआत की। इसके साथ ही यहां फूलों की गाड़ी खाली होना शुरू हो गई। गाड़ी से लाए फूलों की छंटाई होगी। सभी तरह के फूल अलग किए जाएंगे। इन फूलों को सुखाया जाएगा। सूखने के बाद इनका पावडर तैयार होगा, जिसे अगरबत्ती के मसाले के साथ मिला दिया जाएगा। मसाले में चारकोल नहीं होगा। इससे अगरबत्ती पूरी तरह हर्बल बनेगी। किसी तरह का प्रदूषण नहीं होगा। छंटनी के बाद बचे हुए फूल-पत्तों आदि से खाद बनाया जाएगा। इसी से धूपबत्ती भी बनेगी। भविष्य में इससे बॉयो फ्यूल बनाने की भी योजना है। 



55 मिनट जलेगी अगरबत्ती 
फूलों से तैयार अगरबत्ती में वही सुगंध रहेगी, जिन फूलों से वह तैयार होगी। यानी गुलाब के फूलों वाली अगरबत्ती से गुलाब की सुगंध आएगी। सुगंध के लिए किसी तरह के रासायनिक पदार्थ का उपयोग नहीं होगा। एक अगरबत्ती 55 मिनट तक जलेगी। इसकी राख भी पर्यावरण के लिए नुकसान पहुंचाने वाली नहीं होगी। अगरबत्ती का व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया जा रहा है। इसका ब्रांड नाम शिव अर्पण अगरबत्ती रखा गया है। इस पर लिखा होगा- उज्जैन के महाकाल मंदिर में अर्पित पुष्पों से निर्मित। इसके पैकेट और कीमत का निर्धारण जल्दी कर लिया जाएगा। इसका संचालन पुष्प अंजली इको निर्मित संस्था के माध्यम से होगा। 
 

 

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