राजनीति का अनोखा संजोग : यहां से जो भी 'मंत्री' बना, अगली बार जीत न सका

12/15/2018 9:50:23 AM

जबलपुर: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ सूबे की सत्ता के मुखिया बनने जा रहे है, लेकिन सत्ता के साथ जुड़ा हुआ एक मिथक जबलपुर का भी है, जबलपुर जिले से जो भी नेता मंत्री बना अगले चुनाव में उसे जीत नसीब नहीं हो पाई, यह मिथक पिछले कई सालों से चला रहा है। इसके पूर्व के उदाहरणों पर नजर डाली जाए तो अजय विश्नोई, कौशल्या गोंटिया, शरद जैन और अंचल सोनकर को इसी मिथक के चलते विधायकी गंवानी पड़ी।

कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही जबलपुर में विकास की उम्मीदें बढ़ गई है और जबलपुर की 8 में से 4 सीटों पर जीत हासिल करने वाले कांग्रेस के 4 विधायक मंत्री बनने का दावा ठोक रहे हैं। जबलपुर में मंत्रियों की हार को लेकर जुड़ा मिथक टूटने का नाम नहीं ले रहा है, आलम ये है कि मंत्री बनने के बाद अगले ही चुनाव में वह नेता विधायक नहीं बन पाता है जो मंत्री पद को सुशोभित करता है, लिहाजा इस बार भी यह रिकॉर्ड बरकरार है| 


PunjabKesariदरअसल 1980 से यह सिलसिला शुरू हुआ था, जो अभी जारी है और इस कड़ी में शिवराज सरकार के मंत्री शरद जैन का नाम भी जुड़ गया। जबलपुर उत्तर-मध्य से चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरद जैन कांग्रेस के विनय सक्सेना से कड़े मुकाबले में सिर्फ 578 वोट से चुनाव हार गए हैं। मंत्री रहते हुए चुनाव हारने वाले नेताओं की फेहरिस्त की बात करें तो इसमें जबलपुर की सांसद रही जयश्री बैनर्जी से लेकर बीजेपी के कद्दावर नेता अजय विश्नोई का नाम शामिल है।

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  • 2008 में अजय विश्नोई पाटन विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते थे, वह शिवराज कैबिनेट में पशुपालन मंत्री थे।उस समय वह काफी पॉवरफुल मंत्री थे।
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    लेकिन 2013 में पाटन विधानसभा से कांग्रेस के नीलेश अवस्थी ने उन्हें चुनाव हराया।
     
  • 2003 में बीजेपी के अंचल सोनकर पूर्व से चुनाव जीतने के बाद शिवराज सिंह चौहान में मंत्री रहे लेकिन वह भी इस मिथिक को तोड़ नहीं सके और अगले ही विधानसभा चुनाव 2008 में कांग्रेस के लखन घनघोरिया से चुनाव हार गए। 

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  • बीजेपी के हरेंद्रजीत सिंह बब्बू भी 2008 में जबलपुर पश्चिम से चुनाव जीतने के बाद मंत्री बने थे। वह अगले विधानसभा चुनाव में इसी सीट से कांग्रेस के तरुण भनोत से चुनाव हार गए थे।

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  • प्रियदर्शन धर्माधिकारी पाटन से चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस सरकार में नगरीय प्रशासन राज्यमंत्री रहे। उन्हें अगला चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला। इनकी जगह कांग्रेस ने कल्याणी पांडे को पाटन से टिकट दिया था।


     
  • बीजेपी की ही जयश्री बैनर्जी 1977 में जबलपुर सेंट्रल से जीतने के बाद कैबिनेट मंत्री बनीं।

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    लेकिन वह 1980 में कांग्रेस के हाजी इनायत मोहम्मद से चुनाव हार गई।

 

 


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suman

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