परंपरा बचाने के लिए बैलगाड़ियों से रवाना हुई बारात, दुल्हन की विदाई भी बैलगाड़ी से

2/29/2020 4:48:06 PM

कटनी(संजीव वर्मा): कौन दिशा में ले के चला रे बटुहिया.. जी हां 4 दशक पूर्व धूम मचाने वाली नदियां के पार फ़िल्म के इस गाने से बैलगाड़ियों पर निकली बारात का वो सीन जरुर याद आएगा। इसी फिल्म की तर्ज पर बुधवार 26 फरवरी को एक दूल्हा सजकर तैयार हुआ और बारातियो के साथ अपनी दुल्हनियां को ब्याहने बैलगाड़ी पर सवार होकर बारात लेकर निकला और बैलगाड़ी पर ही दुल्हनियां लेकर आया।

आपने मध्य प्रदेश में अपने किसान पिता की ख्वाहिश पूरी करने के लिए हेलिकॉप्टर से बारात लेकर निकले दूल्हे के बारे में तो जरुर पढ़ा होगा लेकिन कटनी जिले में एक ऐसा भी दूल्हा है जिसने अपनी परंपरा को बरकरार रखने के लिए बैलगाड़ी से बारात निकाली। जी हां कहानी की तरह लगने वाला यह वाक्य रियल लाइफ में कटनी जिले के तहसील मुख्यालय बरही से महज 3 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत करौदीखुर्द में देखने की मिला।



करौदीखुर्द निवासी पेशे से इलेक्ट्रिशियन रामकिशोर जायसवाल उर्फ किशोरी के बेटे महेंद्र का विवाह ग्राम बिचपुरा में आरती से तय हुआ था। करौदी से बिचपुरा की दूरी महज 2 किलोमीटर है। फिजूलखर्ची से बचने व अपनी पुरानी परंपरा को जीवित रखने व इस विवाह समारोह को यादगार बनाने के लिए दूल्हे के पिता किशोरी व उसके मित्र कालिदास पांडेय ने बैलगाड़ियों से बारात ले जाने का निर्णय लिया।

फिर क्या था करीब दर्जनभर बैलगाड़ियों को बारात के लिए रंग-रोगन किया गया और 26 फरवरी को रात 7 बजे बारात बिचपुरा के लिए डीजे, बैंडबाजों व गुमुद की धुनों के बीच पूरे उत्साह व धूमधाम से रवाना हो गई। साथ ही विवाह कार्यक्रम संपन्न होने के उपरांत अगले दिन 27 फरवरी गुरुवार को दुल्हन की विदाई बैलगाड़ी में ही बिचपुरा गांव से उसके ससुराल करौदीखुर्द के लिए हुई। जिसमे कौन दिशा में ले के चला रे बटुहिया नदिया के पार फ़िल्म का गाना भी बजा। इस अनोखी बारात को देखने के लिए दूर दूर से लोग पहुंचे और हर तरफ बैलगाड़ी वाली बारात की चर्चा हो रही है। 

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This news is Edited By meena