एक विवाह ऐसा भी: दशहरा पर डांस से शुरू होता है बैगा कपल्स का रोमांस, फिर होली पर हो जाते हैं एक

1/29/2022 10:35:03 PM

मंडला(अरविंद सोनी): अब तक आपने धार्मिक रीति रिवाजों से कई विवाह देखे और सुने होंगे... लेकिन मध्य प्रदेश के मंडला में ऐसा अनोखा विवाह होता है जिसके बारे में आपने सोचा भी न होगा। हम बात कर रहे हैं राष्ट्रीय मानव कहे जाने वाले बैगा समुदाय में होने वाले विवाह की, जिसकी शुरुआत रोमांस से होती हैं और विवाह पर जाकर खत्म होती है जिसे दसेरा नाच कहते हैं।



आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के बैगा चक इलाकों में इस तरह के विवाह देखे जा सकते हैं। जिनकी  दशहरा के बाद से शुरुआत होती हैं इसलिए इसे दसेरा नाच कहा जाता हैं। दरअसल दसेरा नाच एक विवाह की शुरुआत कही जा सकती हैं और यह केवल दो दिनों का होता हैं। इसमें लड़का और लड़की एक दूसरे का परिचय लेने एक दूसरे के गांव जाते हैं। परिचय लेने एक गांव के लड़के पक्ष की टोली दूसरे गांव रात में पहुंचती है।



उस गांव में सारी तैयारियां कर ली जाती हैं। बैगा समुदाय की लड़कियां अपने पारंपरिक वेशभूषा में सजती संवरती हैं। यह एक ऐसी वेशभूषा होती हैं जो कि बहुत कम देखने को मिलता हैं जिस गांव में दसेरा नाच होता हैं। उस दिन उस गांव में चहल पहल बनी रहती हैं। ठंड का समय होता हैं तो जगह जगह अलाव की व्यवस्था की जाती हैं। फिर क्रम चालू होता हैं नृत्य गायन का। ढोलक मांदर की ताल पर सैला कर्मा गीत।



सभी क्या नवजवान क्या बुजुर्ग नृत्य और गीत पर झूम उठते हैं। और इसी दौरान लड़का लड़की एक दूसरे को पसंद भी कर लेते हैं। यह क्रम रात भर चलता हैं। सुबह के वक्त लड़के लड़की एक नाले के पास पहुंचते हैं। एक ओर लड़का पक्ष तो दूसरी ओर लड़की पक्ष एक दूसरे के संबंधों को और अच्छे से जानने के लिऐ ददरिया गीत या उसे कह सकते हैं प्रेम गीत गाते हैं। कहा जाता हैं यह गीत संबंधों को मजबूती प्रदान करता हैं।



इन दो दिनों के अंदर ही लड़का लड़की एक दूसरे को पसंद कर लेते हैं और उनका विवाह परिवार की रजामंदी से कर दिया जाता हैं। इसी के साथ विवाह के लिए एक दिन तय कर दिया जाता हैं। बैगा समुदाय में दसेरा नाच या कहे रोमांस के बाद विवाह दशहरा से लेकर होली के बीच ही होता हैं।

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