कोरोना ने यह दिन भी दिखा दिया, बहनें भाई की कलाई पर राखी नही बांध पाई, आंखों में आंसू लिए लौटीं घर

8/3/2020 5:57:15 PM

इंदौर (सचिन बहरानी): ये कहने में कोई गुरेज नहीं होगा कि, कोरोना महामारी का कहर लगातार जारी है, और इस कहर से जहां अभी तक दुनिया भर में कई मरीज भगवान से जा मिले, तो कई बीमार अभी भी डॉक्टर्स की निगरानी में इलाजरत हैं। इसी बीच भाई बहन के पावन पर्व रक्षाबंधन पर इंदौर के जेल में वो नज़ारा सामने आया। जिसे देख कर आपकी आंखों में भी आंसू आ जाएंगे।


रक्षाबंधन के पर्व पर इंदौर की सेंट्रल जेल में भाइयों को राखी बांधने पहुंची बहनों की आंखें उस वक्त नम हो गई। जब कोरोना महामारी के चलते बहनों को अपने भाइयों को स्वास्थ की दृष्टि से राखी बांधने से मना कर दिया गया। भाइयों को राखी बांधने का इनकार सुनते ही बहनें जेल के बाहर बिलख बिलख कर रोने लगीं, और अपने भाइयों को राखी के दिन भी दीदार ना हो पाने का दर्द उनकी आंखो से साफ झलकता दिखाई देने लगा। कोरोना के इस संक्रमण कि चलते जेल विभाग द्वारा जेल में बंदियों के राखी के पर्व मनाने पर इस बार रोक लगाई गई है। बावजूद इसके बहनें जेल में बंद अपने भाइयों को राखी बांधने जेल आ पहुंची। लेकिन उनको जेल के बाहर से ही वापस अपने घर लौटना पड़ा। इस बार जेल में उनकी राखियों को भी नहीं लिया गया।

वहीं अपने भाइयों की कलाई पर बिना राखी बांधे घर लौट रही बहनों की आंखों से झलकते आंसुओ में उनका दर्द देखने को मिला। भाई से मिलने पहुंची बहन ने कहा कि भाइयों को 6 महीने से नहीं देखा है, हमें उम्मीद थी कि अगर हम राखी नहीं बांध सके तो जो राखी लाए हैं वह जेल में उन तक पहुंचाई जा सकेगी। लेकिन वह भी नहीं जेल विभाग द्वारा किया गया। हालांकि ये कोई पहला त्योहार नहीं जिसमें महामारी की वजह से परेशानियों का सामना देश वासियों को करना पड़ा है। इससे पहले गुजरे त्योहारों पर भी कोरोना भारी रहा। माना जा रहा है कि आने वाले कई पर्व भी इसी तरह निकलेंगे।

Vikas kumar

This news is Vikas kumar