आतंकवादियों में नाबालिग भी थे, जिनके सिर पर कैमरे लगे थे...पहलगाम में पिता को खोने वाले बेटे ने बताया आंखों देखा हाल
Thursday, Apr 24, 2025-07:39 PM (IST)

इंदौर : 22 अप्रैल मंगलवार को पहलगाम में आतंकवादी हमले में 26 लोग मारे गए। इस हमले में इंदौर के सुशील नथानियल (58) की मौत हो गई। वे अपनी पत्नी जेनिफर का जन्मदिन मनाने परिवार के साथ कश्मीर गए थे। उनके साथ बेटी आकाक्षा (35) और बेटा (25) ऑस्टिन उर्फ गोल्डी भी था। हमले में बेटी आकाक्षा के पैर में गोली लगी है। हालांकि जेनिफर और बेटा ऑस्टिन सुरक्षित बच गए। पिता को खोने वाले ऑस्टिन ने बताया कि आंखों के सामने पिता को गोली मारकर हत्या कर दी गई। बंदूकधारियों में नाबालिग लड़के भी शामिल थे, जिनके सिर पर कैमरे लगे थे।
अपने पिता की मौत पर दुखी ऑस्टिन ने संवाददाताओं से कहा, "आतंकवादियों में लगभग 15 साल के नाबालिग लड़के शामिल थे। उनमें से कम से कम चार थे। वे हमले के दौरान सेल्फी ले रहे थे और उनके सिर पर कैमरे लगे हुए थे।" उन्होंने खुलासा किया कि आतंकवादियों ने उनके पिता और मौके पर मौजूद अन्य लोगों से गोली मारने से पहले उनकी धार्मिक पहचान पूछी। 25 वर्षीय ऑस्टिन ने कहा कि यह पुष्टि करने के लिए कि कोई मुस्लिम है या गैर-मुस्लिम, उनसे 'कलमा' पढ़ने के लिए कहा गया। ऑस्टिन ने कहा कि अगर कोई आतंकवादियों के निर्देश पर 'कलमा' पढ़ता है, तो बाद में उसे कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया जाता है।
उसने भयावह घटना का वर्णन करते हुए कहा, "मैंने आतंकवादियों को मेरे सामने छह लोगों को गोली मारते देखा।" यह पूछे जाने पर कि अब वह सरकार से क्या उम्मीद करता है, युवक ने जवाब दिया, "मैं केवल उस स्थान (बैसरन) पर पुलिस और सेना के जवानों की भारी तैनाती चाहता हूं क्योंकि यहां सबसे अधिक पर्यटक आते हैं।"
वहीं सुशील नथानिएल को जूना इंदौर कैथोलिक कब्रिस्तान में दफनाया गया। उनकी पत्नी जेनिफर, जो शोक से अभिभूत थीं, अपने पति के अंतिम संस्कार के दौरान बार-बार बेहोश हो गईं और उन्हें उनके बेटे ऑस्टिन और अन्य करीबी रिश्तेदारों ने सहारा दिया। उनकी घायल बेटी आकांक्षा व्हीलचेयर पर अपने पिता को अंतिम विदाई देने के लिए कब्रिस्तान पहुंची। मध्य प्रदेश के मंत्री तुलसीराम सिलावट और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी उन प्रमुख नेताओं में शामिल थे जिन्होंने कब्रिस्तान में सुशील नथानिएल को श्रद्धांजलि दी।