कमलनाथ के मंत्री का बयान, सरकार इतनी कमजोर नहीं कि कैलाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार न करवा सके

1/6/2020 5:22:59 PM

ग्वालियर(अंकुर जैन): 'इंदौर जला दूंगा' बयान के बाद भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। मध्य प्रदेश के मंत्री ने इशारों ही इशारों में समझा दिया है कि हमारी सरकार इतनी कमजोर नहीं है कि कैलाश विजयवर्गीय को गिरफ्तार न कर सके। बता दें कि इंदौर के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने नीमच में भी सरकारी अधिकारियों को धमकाया है। हालांकि इंदौर मामले में तो पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। आपको बता दें कि गोविंद सिंह अपने अल्प प्रवास पर ग्वालियर आएं हुए थे।



अपने गिरेबान में झांके विजयवर्गीय
कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय को पहले अपने चेहरा देखना चाहिए, वो अपने गिरेबान में झांक कर देखें। पहले वो कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता के यहां वो नौकरी करते थे। इसलिए वे बताए क्या उनके घर में कौन सा सोने का पेड़ लगा था, जिससे इतनी सारी करोड़ो रूपये की संपत्ति इकट्ठा हो गई। और भाषण दे रहे हैं, जिनके पास पहले साइकिल नहीं थो वो अब गाड़ियों में घूम रहे हैं।



जल्द होगी गिरफ्तारी
कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि विजयवर्गीय ने महापौर रहते हुए पेंशन घोटाला कर लाखों गरीबों का हक छिना है। इस मामले की जांच में वे दोषी पाए गए हैं। अब इंदौर और नीमच में भी धमकी भरे बयान दिए हैं। उसमें उनके विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। जांच के बाद धाराएं और बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ये सब कुछ जल्द होगा, उनकी गिरफ्तारी भी जल्द होगी। सरकार इतनी भी कमजोर नहीं है कि उनको गिरफ्तार नहीं कर पाए।


 

हनी ट्रैप मामले पर दी सफाई
गोविंद सिंह ने हाल में दो मंत्रियों के OSD के हनी ट्रैप में फसने के मामले संबधी कहा कि लोक राज में लोक लाज भी होनी चाहिए। दो ओएसडी का मामला जैसे ही पता चला, मैंने तुरंत उन्हें प्रमुख सचिव को हटाने के आदेश दिए थे। ऐसे लोगों का सार्वजनिक तौर पर जुलूस निकालना चाहिए। मैं तो कहता हूं कि कोर्ट को भी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।


जेएनयू में हुए उपद्रव के लिए भाजपा को ठहराया दोषी
वहीं रविवार को JNU में उपद्रव के मामले में गोविंद सिंह ने कहा है कि बीजेपी देश के टुकड़े टुकड़े करना चाहती है, देश की संस्थाओं पर हमला कर रही है। हिंसा फैला रही हैं, बीजेपी हिटलर के पद चिन्हों पर चलने वाली पार्टी बनकर रह गई है। क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी के नाक के नीचे ऐसा हो रहा है, उन्हें इस मसले पर गंभीरता से सोचना पड़ेगा।

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