राम मंदिर के लिए संत की अनूठी कोशिश, पिंड भरते हुए कर रहे हैं 2800 किमी की पैदल यात्रा
12/7/2018 1:50:59 PM
रायसेन: प्रदेश में राम मंदिर निर्माण को लेकर जहां संत समाज ने एक दिन का उपवास रखने का निश्चय किया है, वहीं एक अन्य संत ने परमात्मा में आस्था दिखाते हुए सबसे अलग रास्ता अपनाया है। राजनीति से दूर रहने वाला रामानंद नाम की साधु अमरकंटक से उज्जैन पिंड भरते हुए (लेटते हुए) जा रहा है। जो 2 हजार किमी से अधिक पिंड भरते हुए उज्जैन से सोमनाथ धाम पहुंचेगे।
बता दें कि बाबा 3 माह से मां नर्मदा उद्गम स्थान से अमरकंटक के लिए निकले हैं। वे पिंड भरते हुए महाकालेश्वर उज्जैन, मीठी तलाई होते हुए सोमनाथ धाम पहुंचेगे। रामानंद सुबह 6 से शाम 6 बजे तक पिंड भरते हुए (लेट कर) चल रहे हैं और एक ही समय भोजन लेते हैं। उनके लिए न तो पानी और न ही भोजन की व्यवस्था है। वे 8 किलोमीटर दूर तक पिंड भरने के बाद भिक्षा मांगकर स्वयं भोजन बनाते हैं और विश्वाम करते हैं। उनका कहना है कि कई सरकारें आईं और आकर चली गई। लेकिन किसी ने भी राममंदिर का निर्माण नहीं करवाया। सरकार चाहे कांग्रेस की आई हो या बीजेपी की लेकिन सभी ने राम मंदिर निर्माण के नाम पर राजनीति ही की है। उन्होंने कहा कि यदि ईश्वर की कृपा हुई तो राम मंदिर अवश्य बनेगा और मेरी मनोकामना जरूर पूर्ण होगी। उनका यह मानना है कि साधुओं को राजनीति में नहीं आना चाहिए। साधु तो राजनीति से परे हैं और भगवा ही उनकी राजनीति है।