डिजिटल इंडिया का गांव जहां आज तक नहीं पहुंची बिजली, अंधेरे में बनता है खाना और होती है पढ़ाई

12/12/2021 6:47:00 PM

शहडोल(अजय नामदेव): आधुनिकता के इस युग में जहां लोग चांद पर घर बनाने की तैयारी में है, तो वही दूसरी ओर शहडोल जिले में आज भी ऐसे कई गांव है जहां के लोग टेलीविजन, मोबाइल, कम्प्यूटर, जैसी चीजों से कोसों दूर हैं। यहां के लोग आज भी चिमनी युग में जीने को मजबूर है। जिसका मुख्य कारण है बिजली। जी हां जिले के गोहपारू ब्लॉक के ग्राम पंचायत खन्नौधी के ग्राम गांडा बहरा में आज तक बिजली नहीं पहुंची है, जिससे ग्रामीणों को लालटेन के युग मे जीवन यापन करने पर मजबूर होना पड़ता है।


शहडोल जिला मुख्यालय से महज 40 किलो मीटर दूर गांव गांडा बहरा के निवासियों को बिना बिजली के परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गेंहू पिसाने से लेकर मनोरंजन के साधन उन्हें नसीब नहीं है। रात को बच्चों को पढऩे के लिए भी लालटेन का सहारा लेना पड़ता है। गांव में शाम होते ही ग्रामीणों को जंगली जानवरों के खौफ से खुद के घरों में कैद कर लेते हैं।

वहीं, सबसे बुरे हालात हैं स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के जिन्हें शाम ढलने के बाद चिमनी और लालटेन के सहारे पढ़ना पड़ता है। ग्रामीण छात्रों का कहना है कि उनका भविष्य अन्धकार में है। वो चाहे कितनी भी मेहनत कर लें लेकिन चिमनी के सहारे अपना भविष्य नहीं सवार सकते है। ग्रामीणों की मानें तो बिजली की समस्या को स्थानीय से लेकर जिला प्रशासन को कई बार बताई जा चुकी है। लेकिन आज तक उनके गांव में बिजली नहीं पहुंची है।

डिजिटल इंडिया यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वो सपना, जो साकार होने वाला है। डिजिटल क्रांति के जरिए पूरे देश के सशक्तिकरण का सपना अब अंतिम रूप ले चुका है। लेकिन शहडोल के गांडा बहरा गांव के लोगों को इसके मायने भी नहीं मालूम। अमीर हो या गरीब, मजदूर या सरकारी कर्मी सभी के हाथों में मोबाइल है। अब तो बिना मोबाइल के सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। इतना ही अब तो देश डिजिटल इंडिया बनने के ओर अग्रसर है। जिसमें मोबाइल की अहम भूमिका होगी। गांव- गांव नेट इंटरनेट के जाल बिछाए जा रहे हैं। लेकिन सवाल है कि आज के इस दौर में भी गांडा बहरा के लोग बिजली को तरस रहे है तो ऐसे में डिजिटल इंडिया के बारे में सोचना भी बेमानी होगी।

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This news is Content Writer meena