VIDEO: एक ऐसा गांव जहां बारिश के दिनों में टीन के शेड के नीचे होता है ‘अंतिम संस्कार’

8/23/2018 4:14:44 PM

सीहोर : वैसे तो सरकार द्वारा श्मशान घाट निर्माण और इनके जीर्णोद्धार के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर इन योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को कितना मिल रहा है, इसकी एक बानगी गांव पालखेड़ी में देखने को मिली है। यहां शव को जलाने के लिए एक शमशान घाट भी नहीं है। बारिश के दिनों में अंतिम संस्कार करने के लिए टीन के शेड का सहारा लिया जाता है। हैरान करने वाली बात तो यह है कि इस गांव को कांग्रेस विधायक शैलेन्द्र पटेल ने गोद लिया है और क्षेत्र की सांसद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज हैं।



आजादी के 72 साल भी सीहोर जिले के गांव पालखेड़ी में ऐसी स्थिति बनी हुई है, जो अभी भी विकास को तरस रही है। गांव में अगर बरसात के दिनों में किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसे जलाने के लिए पहले ट्रैक्टर ट्राली से टीन की चादर ले जा कर लकड़ियों का मचान बनाया जाता है, इसके बाद टीन सेट के नीचे अंतिम संस्कार किया जाता है।



विकास को तरसता गांव का मुक्ति धाम
कई बार तो पूरी तरह से शव का अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाता है। हाल ही में गांव में एक 70 वर्षीय शख्स की मौत हुई। जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाना था। लगातार हो रही बारिश थमने का नाम नहीं ले रही थी। लोग बरसात रुकने का इंतजार करते रहे। जब शाम तक भी बारिश नहीं थमी तो फिर वही पुराने अंदाज में गांव के लोगों ने टीन के कुछ चादर घरों से निकाले और शमशान की ओर चल पड़े। इसके बाद उन्होंने श्मशान घाट पर पहुंच कर पहले शेड बनाया और फिर शव का अंतिम संस्कार किया।



विदेश मंत्री से कई बार कर चुके हैं शिकायत
हैरान करने वाली बात तो यह इस गांव को कांग्रेस विधायक शैलेन्द्र पटेल ने गोद लिया है और क्षेत्र की सांसद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज है। ग्रामीणों को कहना है कि वे इसकी शिकायत कई बार सुषमा स्वराज से की। बावजूद इसके गांव की स्थिती विकास से कई कोस दूर है। हालांकि किसान पुत्र शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश को बीमारु राज्य से विकसीत प्रदेश बनाने का दावा करते हैं, लेकिन सच तो यहा है कि उनके विकसीत प्रदेश में मृतकों को मोक्ष प्राप्ति भी ढंग से नहीं हो पाती।

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