Video: पैसे नहीं दिल से अमीर हैं ये महिलाएं, मुफ्त में सिलाई कर रही हैं हजारों मास्क

4/7/2020 6:24:52 PM

 

छतरपुर(राजेश चौरसिया): वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते देशभर में लॉकडाउन किया है। इस दौरान हर वर्ग के लोग अपने अपने स्तर पर जरूरतमंदों की अपनी हैसियत के मुताबिक मदद कर रहे हैं। जो कि ज़मीनी स्तर पर कारगर साबित हो रही है। जिसके अलग-अलग जगहों से पृथक पृथक परिणाम निकलकर सामने आये हैं। ऐसे ही कई मामले बुंदेलखंड से भी निकलकर आये और देखने को मिले हैं।

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ताज़ा मामला मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले का है जहां पैसे से सक्षम न हो पाने के चलते लोग राष्ट्रहित में अपना हुनर और श्रम समर्पित कर रहे हैं। जैसे की सभी को पता है कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक इस कोरोनावायरस से बचाव ही इसका सबसे बड़ा ईलाज और उपाय है। जिसके चलते अचानक सैनिटाइजर, ग्लब्स, और मास्क की मांग में हजारों गुना उछाल आया है। जिसके चलते इनका सहजता से मिला पाना संभव नहीं हो पा रहा। दूसरी ओर गरीब मजबूर जरूरतमंद लोग इन्हें ख़रीदपाने में भी सक्षम नहीं हैं। जिसके चलते सक्षम और जनसेवी लोगों ने इन्हें लोगों को मुफ्त बांटने का बीड़ा उठाया है। शहर की महिला शक्ति रचना नामदेव और बहनें मानसी, साक्षी, दिव्या मिलकर इस आपदा और राष्ट्रहित/जनहित के कार्य को अंजाम दे रहीं हैं।

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छतरपुर शहर के हतवारा मोहल्ला स्थित नामदेव परिवार अपने घर पर मां अपनी तीन बेटियों के साथ मिलकर मास्क निर्माण के काम में जुटीं हुईं हैं। इनकी मानें तो यह रोजाना 1000 से ऊपर तक मास्क बनाकर तैयार करतीं हैं और वो भी बिल्कुल मुफ्त। यह परिवार अब तक 10,000 (दस हज़ार) से ज़्यादा तक मास्क बना चुका है। रचना नामदेव की मानें तो वह एक स्व सहायता समूह से जुड़ी हुई है जिसके तहत वह सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, कर अपना और आने परिवार का जीविकोपार्जन करती हैं। उनके साथ उनकी बेटियाँ भी स्कूल और पढ़ाई से फ्री होकर उनका हाथ बंटवातीं हैं। इस वक्त वैसे भी स्कूल कॉलेज सब बंद हैं तो वह 100 % फ्री ही हैं जो इस समय उनके काम में हाथ बंटा रहीं हैं।

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रचना की मानें तो उनके पास नगर की प्रथम महिला अर्चना गुड्डू सिंह का मास्क बनाने के काम को लेकर ऑफर आया (कि उन्हें मास्क निर्माण कर लोगों में मुफ्त बांटने हैं) जिसको उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। परंतु साथ ही एक शर्त भी रखी कि उनके जनहित के इस कार्य में वह उनके साथ हैं वह रूपये पैसों से तो सक्षम नहीं हैं पर वह अपना हुनर और श्रम देकर राष्ट्र और जनहित के कार्य में शामिल हैं। अर्थात वह उनसे मास्क बनाने के एवज में एक पैसा भी नहीं लेगीं। मास्क बनाने की सामग्री, कपड़ा, धागा, डोरी, ईलास्टिक के अलावा वह कुछ भी न लेगीं। रचना की मानें तो विश्व आपदा और इस महामारी पर लोग अपनी सक्षमता के हिसाब से सहयोग कर रहे हैं। हम धनबल से तो लोगों की मदद तो नहीं कर सकते क्यों कि वह हमारे पास है ही नहीं तो हम अपने हुनर और मेहनत के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से देश और जनसेवा में मदद कर रहे हैं।

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वहीं दूसरी ओर अर्चना गुड्डू सिंह ने बताया कि इस आपदा में जरूरतमंद लोगों को राजनीति से राशन, पानी से लेकर उनकी हर जरूरत का सामान मुहैया करा रहे हैं इसके साथ संक्रमण रोकने में बेहद जरूरी मास्क सेनिटाईज, ग्लब्ज़ बांट रहे हैं। जिसके लिए वे कई स्व सहायता समूह के जरिये इनका निर्माण करवा रहे हैं। इनसे रोजाना निर्मित होने वाले मास्कों को हम वार्ड-वार्ड भ्रमण कर बांटने का काम कर रहे हैं जो पिछले कई दिनों से अनवरत जारी है जो कोरोना और लॉग डाउन समाप्ति तक जारी रहेगा।


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Edited By

meena

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