पेंटिग्स से अपने छात्रों को पढ़ाता है ये दिव्यांग शिक्षक, विकृत उंगलियों की कलाकारी देखकर हो जाओगे हैरान !

7/15/2020 6:23:22 PM

मण्डला (अरविंद सोनी): दिव्यांगों के साथ समाज सहानुभूति तो रखता है, लेकिन जिंदगी सिर्फ किसी हमदर्दी से बसर नहीं होती है। बात कर रहे हैं ऐसे दिव्यांग की, जिन्होनें अपनी इच्छाशक्ति से अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना लिया।

दरअसल निर्मल को अर्थेराइट्स है, जिसके कारण 16 साल की उम्र में ही उनकी उंगलिया मुड़ने लगी। लेकिन उन्होने हिम्मत नही हारी ओर बगैर किसी प्रशिक्षक के पेंटिंग करने लगे। आज वो बच्चों को पेंटिग सिखाते हैं। समाज में ज्यादातर लोग ऐसे मिल जाएंगे, दिव्यांगों को देखकर या तो मुंह चुराने लगते हैं या मुंह चिढ़ाकर निकल जाते हैं। दिव्यांग के प्रति दया भी उतनी तिरस्करणीय है, जितनी हीनभावना।

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इन्सान ऐसे कौन सा काम हैं जो नही कर सकता, बस उसमे काम करने की इच्छा शक्ति और जुनून हो। बात कर रहें हैं एक सरकारी शिक्षक की जो की दिव्यांग हैं लेकिन इनका हुनर ऐसा की लोग़ इनकी प्रशंसा करने से नही थकते। मंडला से 30 किलोमीटर दूर अमझर गाँव के प्राथमिक स्कूल के शिक्षक निर्मल हरदहा जो की पिछले 25सालों से अर्थेराइट्स बीमारी से ग्रस्त हैं, जिसके कारण इनके दोनों हाथो नें काम करना बंद कर दिया.. उस वक्त उनकी उम्र महज 16 साल की थी और उनके दोनों हाथो की उंगलियां मूड गई। जिससे उनकी दिनचर्या पर खासा प्रभाव पड़ा, और वो कोई भी काम नही कर पा रहें थे। तभी उन्होनें सोचा क्यो ना पेंटिंग की तरफ ध्यान दिया जाए। लेकिन दोनो हाथो की उंगलियां तो जवाब दे चुकी थी। उसके बावजूद उन्होनें हिम्मत नही हारी ओर बगैर किसी प्रशिक्षक के पेंटिंग करने लगे। उन्होने अपनी कल्पनाओ से ही तमाम तरह की पेंटिंग्स बनाई।

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20 की उम्र के बाद वे अमझर गाँव मे एक शिक्षक के रूप मे पदस्थ हुए। आज वो स्कूल मे बच्चो को पढ़ाई के साथ साथ पेंटिंग भी सिखाते हैं। खास बात यह हैं की स्कूल की सारी पेंटिंग इन्हीं के द्वारा ही बनाई गई हैं। बच्चों को सिखाने के लिऐ पंछी-जानवरो की पेंटिंग के भी क्या कहने। इनके हुनर की तारीफ इतनी की अन्य स्कूलों मे भी इनकी बनाई हुई पेंटिंग लगाई जाती हैं। इनके हुनर हौसले और जुनून की तारीफ ग्रामीण भी कर रहें हैं।

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कोरोना काल में शासन के निर्देशों का पालन करते हुए निर्मल हरदहा रोज अपने स्कूल के बच्चो के घर पहुचते हैं और पढ़ाई तो करवाते ही हैं साथ ही पेंटिंग भी करवाते हैं। इस शिक्षक के हुनर और जज्बे को पंजाब कैसरी सलाम करता है।

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Vikas kumar

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