इनका नाम सुनते ही डर जाते हैं बदमाश, CM योगी भी करते हैं MP के इस IPS की स्टाइल को फॉलो

12/10/2020 6:32:31 PM

जबलपुर (विवेक तिवारी): मध्य प्रदेश कैडर के एक आईपीएस ऑफिसर इन दिनों गुंडे और बदमाशों के लिए काल बने हुए हैं। हाल यह हैं कि उनके डर से गुंडे और बदमाश शहर छोड़ कर भाग रहे हैं। कोई नया गुंडा बन भी नहीं पा रहा है और जो पुराने गुंडे पनपे थे उनके आशियाने को तबाह करके सड़क पर ला दिया है। मध्यप्रदेश के जिस जिले में ये आईपीएस अफसर रहे, मानो गुंडों की शामत आ गई हाल यह है, कि उनके चलाए फार्मूले पर न केवल मध्यप्रदेश में अमल किया, बल्कि उत्तर प्रदेश भी उनके नक्शे कदम पर चल रहा है। गुंडों को खत्म करने का, माफिया राज को खत्म करने का, और जनता के बीच शांतिपूर्वक माहौल पैदा करने का उनका अलग ही अंदाज है।



हम बात कर रहे हैं 2003 बैच के सीनियर आईपीएस ऑफिसर हरिनारायणचारी मिश्रा की जो जनवरी में आई जी के पद पर भी पदोन्नत होने जा रहे हैं और उम्मीद है, की आने वाले दिनों में वे जबलपुर के आई जी बन सकते हैं। फिलहाल वे अपनी दूसरी पारी इंदौर में बढ़ा रहे हैं, और पहली पारी के अपेक्षा कोरोना काल में वे और भी आक्रामक रूप में नजर आ रहे हैं। अपनी पहली पारी की तरह ही गुंडे बदमाशों के घरों को तबाह कर दिया गया है। हाल यह है कि अपराधी अपराध करने के बाद भाग नहीं पा रहे हैं। एनकाउंटर में भी अपराधी उनके गिरफ्त में आ रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार के वे सबसे विश्वसनीय और ताकतवर आईपीएस ऑफिसर के रूप में जाने जा रहे हैं। जनता के बीच उनकी छवि बेहद सरल है 24 घंटे जनता उनसे मिल सकती है। एक कॉल में भी वे जनता की समस्या का हल करने के लिए तत्पर रहते हैं, और इसी के चलते इंदौर में सुशासन की एक अलग ही तस्वीर नजर आ रही है।

कोरोना काल की चुनौती का सामना ....
इंदौर डीआईजी के पद पर हरिनारायण चारी मिश्रा पहले भी रह चुके हैं। लेकिन बीच में उनका तबादला पुलिस मुख्यालय कर दिया गया। वहीं कोरोना के पहले उन्हें खरगोन का डीआईजी भी बनाया गया। उसी बीच मध्यप्रदेश में राजनीतिक उथल पुथल भी थी, और इसी बीच मध्यप्रदेश में फिर से शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने और कोरोना ने कोहराम इंदौर में मचाया, तो लॉक डाउन का सख्ती से पालन कराने के लिए और इंदौर वासियों की रक्षा के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें दोबारा इंदौर की कमान दी। इसके पहले कभी भी इंदौर में एक आईपीएस ऑफिसर दोबारा डीआईजी नहीं बन सका। लेकिन हरिनारायण चारी मिश्रा की काबिलियत को देखते हुए मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए हरि नारायण चारी मिश्रा को भेजा हरिनारायण चारी मिश्रा ने भी विपरीत परिस्थितियों में सरकार की मंशा के अनुसार बेहतर तालमेल स्थापित करते हुए एक शानदार पुलसिंग करते हुए जनता के बीच भरोसा जताया, और कोरोना को कंट्रोल करने के लिए सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवाया और इंदौर में जो दहशत का माहौल था वह धीरे-धीरे सब सामान्य हो गया। विपरीत परिस्थितियों में भी संयम के साथ काम करने का जो स्टाइल है। वो हरिनारायण चारी मिश्रा को सब से अलग बनाती है।

भारत में पहली महिला स्वावलंबन डेक्स...
शोषित पीड़ित महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए भी हरिनारायण चारी मिश्रा सदैव आगे रहते हैं। उन्होंने भारत में पहली स्वाबलंबन महिला डेक्स की स्थापना महिला थाने में की। यहां पर महिलाओं को उनके योग्यता के अनुसार रोजगार भी दिया जा रहा है। यहां से जो पीड़ित और शोषित महिलाएं हैं। उन को रोजगार देने का काम किया जा रहा है, और उनको समाज की मुख्यधारा में जोड़ने का पूरा प्लान तैयार किया गया है। स्वावलंबन डेस्क बहुत ही बेहतर ढंग से काम कर रही है और इसके अच्छे परिणाम भी निकल कर सामने आ रहे हैं।

रघुनाथपुर से अब तक का सफर...
हरिनारायण चारी मिश्रा बिहार के सिवान जिले के रघुनाथपुर से हैं। वे वहां अपनी स्कूली शिक्षा ले कर सिवान से बीएचयू आ गए। यहां से इतिहास विषय पर पोस्टग्रेजुएशन में टॉप किया। उसके बाद सिविल सर्विस की ओर कदम बढ़ा दिया और उनका आईपीएस में चयन हो गया। हरिनारायण चारी मिश्रा इकलौते अफसर हैं। जो किसी भी विषय पर बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं, दर्शन पर भी इनकी गहरी रुचि है, सरलता सहजता और बेदाग चरित्र ही इस अफसर की पहली पहचान है।



संजीवनी से मिली जबलपुर में पहचान…  
हरिनारायण चारी मिश्रा ने जबलपुर पुलिस अधीक्षक के रूप में रहते हुए यहां नवाचार के रूप में विशेष कार्ययोजना को अंजाम दिया। जबलपुर की पदस्थापना के दौरान एक वक्त ऐसा था जब जबलपुर सुसाइड के मामलों में भारत में नम्बर 1 था। ऐसे में सुसाइड के मामलों में रोकथाम के लिए संजीवनी हेल्पलाइन की शुरुआत की। जिससे लगातार आत्महत्या के मामले कम हुए। इस हेल्पलाइन का असर हर उस जिले में रहा जहां हरिनारायण चारी मिश्रा रहे।



खंडवा में एकता में बंधे धर्म...
खंडवा वो जिला था जिस में सब से ज्यादा धार्मिक उन्माद के मामले आते थे। लेकिन हरिनारायणचारि मिश्रा ने वहां पर सभी धर्मों को जोड़ कर वो माहौल बनाया, जिससे कभी यहां धर्मिक उन्माद नजर नहीं आया। इसके लिए उनको पुरस्कार से भी नवाजा गया।



बालाघाट में नक्सलियों का सफाया …
हरिनारायणचारी मिश्रा ने नक्सल प्रभावित जिले बालाघाट की जब कमान संभाली, तो नक्सली यहां हावी थे। लेकिन मिश्रा ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए। यहां से नक्सलियों का सफाया कर दिया। कई एनकाउंटर यहां उनके नाम दर्ज हो गए, तो कई नक्सलियों ने डर के मारे उनके सामने आत्मसमर्पण कर दिया। हाल ये रहा की यहां उस दौरान नक्सली पनपे ही नहीं।

ग्वालियर में आतंक और गुंडो का सफाया
ग्वालियर में एसएसपी रहते हुए हरिनारायण चारी मिश्रा ने गुंडो के खिलाफ अभियान छेड़ा तो वो इंदौर आ कर भी नहीं थमा। इंदौर में गुंडाराज को खत्म करने के लिए गुंडो को चुनचुन कर जेल भेजा गया। इंदौर में हर एक केस में हरिनारायण चारी मिश्रा को सफलता मिली। भय्यू जी महाराज के केस को भी आसानी से सॉल्व किया।

Vikas Tiwari

This news is Vikas Tiwari