ये है दुनिया का सबसे अजीब गांव, इसके बारे में जानेंगे तो रह जाएंगे दंग

10/27/2018 5:52:44 PM

भोपाल: भारत देश में कई ऐसे गांव हैं, जो अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए हैं। इन गांवो में कई ऐसे लोग है, जो अपनी प्रतिभा में से अपने गांव को अलग पहचान दे चुके हैं। लेकिन मध्य प्रदेश का एक गांव ऐसा भी है, जिसने यहां बसने वाले हर शख्स को यह पहचान दी है।  ये बात अलग है कि इस गांव के बारे में कम ही लोग जानते हैं,  लेकिन इस गांव की देश में अलग ही पहचान है।
 

आगर मालवा जिले का छोटी सी  ग्राम पंचायत आमला में 200 मकान हैं, जिनमे करीब 1300 लोग रहते हैं। लेकिन इसकी बागडोर 2 सांसदों, 2 विधायकों, 4 तहसीलदारों, 2 CEO और चार पुलिस थानों के हाथ में है। आमला गांव का कुछ हिस्‍सा आगर तहसील में कुछ सुसनेर में थोड़ा सा हिस्सा नलखेड़ा में, तो कुछ हिस्सा बडोद तहसील में बंटा हुआ है। गांव की गलियां भी अलग-अलग तहसील का प्रतिनिधित्व करती हैं। एक ही गांव में रहने के बाद भी दो भाई अलग-अलग तहसील में रहते है। उनके विधायक भी अलग हैं और सांसद भी अलग हैं। दो सगे भाई हैफिर भी करीब रहते हुए दोनों के आधार कार्ड पर पता अलग-अलग है। 

 

ये गांव भी एक सिक्‍के के दो पहलुओं की तरह है,  इस गांव की जो विशेषता वहीं इसकी सबसे बड़ी खामी भी है। जिस विशेषता के चलते यह गांव देश भर में सुर्खीयां बटोर सकता है, लेकिन इसकी ये खासीयत ही इसकी सबसे बड़ी परेशानी भी है। ग्रामिणों को मलाल है कि इसकी खासियत की वजह से इसका जितना विकास होना चाहिए था, उसका आधा भी नहीं हुई है।  यहीं नहीं, गांव की इस खासियत की वजह से प्रशानिक अधिकारी भी ग्रामीणों को पर ध्यान नहीं देते। गांव वालों को अगर कोई काम होता है तो, प्रशासनिक अधिकारी उन्हें इधर से उधर भटकने पर मजबूर कर देते हैं।
 

 

गांव में अगर कोई हादसा ही जाए तो, पुलिस अधिकारी उन्हें एक थाने से दूसरे थाने में जाने की बात करते हैं।  इस गांव की जो सबसे बड़ी खासिययत है वहीं इसकी खामी भी है।  इस खासियत की वजह से जहां उसे देश भर में पहचान मिलनी चाहिए थी। वो सरकारी सिस्टम के चलते आज खुद पहचान का मोहताज हो गया है।  चुनाव के समय में झूठे वादे करते हुए नेता वोट तो मांग लेते हैं और बदले में कुछ देते हैं तो वो हैं सिर्फ दिलासा। इसी दिलासे का ये लोग भी शिकार हो रहे हैं।  

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