कमलनाथ को ''टीम मध्य प्रदेश'' बनाने के लिए इन चुनौतियों का करना होगा सामना

12/21/2018 11:10:51 AM

भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आ गई, कमलनाथ मुख्यमंत्री भी बन गए। लेकिन अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती ऐसे मंत्रियों और अफसरों का चयन करना है। जिनमें 'टीम मध्य प्रदेश' नजर आए। यह उतना आसान नहीं है, जितना समझा जा रहा है। अब देखना होगा कि लगभग चार दशक का संसदीय अनुभव रखने वाले कमलनाथ 'टीम मध्य प्रदेश' बना पाते हैं या 'टीम नेता समर्थकों' की बनती है।

कमलनाथ ने 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद वे पूरी तरह एक्शन में हैं। कांग्रेस के वचन-पत्र को पूरा करने में जुट गए हैं। बीते दो दिनों में कमलनाथ ने किसान कर्ज माफी, युवाओं को रोजगार, कन्या विवाह अनुदान में इजाफा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया गया है। 

 

बीते दिनों पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि कमलनाथ पूरी तरह एक्शन में हैं। अब उनके सामने बड़ी चुनौती अगर कोई है तो वह है, मंत्रियों का चयन और प्रशासनिक अमले में बड़ा बदलाव। राज्य में कई अफसर ऐसे हैं जो पूर्ववर्ती सरकार में ताकतवर थे। अब उन्होंने कमलनाथ की ड्योढ़ी पर दस्तक देना शुरू कर दिया है और पुराने रिश्तों व निष्ठा का गुणगान करने लगे हैं।

 

पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच ने आईएएनएस से कहा, "नई सरकार के बदलने पर प्रशासनिक फेरबदल होते हैं, यह सामान्य बात है। जो भी सरकार आती है वह योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन करने के साथ आमजन को उसका लाभ पहुंचाना चाहती है। इसके लिए वह अपने हिसाब से अच्छे अफसर लाती है। कई अफसरों की पार्टी कार्यकर्ता के तौर काम करने की छवि बन जाती है, उन्हें बदला जाता है. वैसे हर सरकार अच्छी टीम बनाने की कोशिश करती है'।

 

अपने अनुभव को साझा करते हुए बुच ने पत्रकारों से कहा, "उन्हें केंद्र से मोतीलाल बोरा ने राज्य में लाकर गृह विभाग का प्रमुख सचिव बनाया था, जब सुंदर लाल पटवा की सरकार आई तो बदला नहीं गया। सेवा अवधि में कभी समझौता नहीं किया, काम पूरी ईमानदारी और जनता के लिए किया। जब अधिकारी ईमानदारी और जनता के हित में काम करता है तो उसे छेड़ा नहीं जाता'।

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