एंबुलेंस के कर्मचारियों की सूझबूझ से बच गई दो जिंदगियां, रास्ते में कराई सफल डिलीवरी

5/16/2021 7:38:40 PM

भोपाल(इजहार हसन खान): राजधानी के नज़ीराबाद इलाके में डायल 108 एंबुलेंस के कर्मचारियों की सजगता और तुरंत निर्णय लेने की क्षमता के कारण एक गर्भवती महिला और उसके नवजात बच्चे की जान बच गई। नज़ीराबाद के जंगल क्षेत्र वाले गाव में गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर 108 एम्बुलेंस को काल किया गया था जिसपर डायल 108 महिला को लेने गई थी।मगर रास्ते मे महिला को अत्याधिक पीड़ा होने और जच्चा बच्चा की जान को खतरा होने के चलते डायल 108 के ईएमटी(इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन) ने जंगल मे ही 108 को रोककर उसमें महिला का प्रसव करा दिया। महिला ने एक स्वस्थ्य लड़के को जन्म दिया। प्रसव उपरांत महिला और उसका बच्चा एकदम सकुशल हैं। उनको डायल 108 ने नज़ीराबाद के सरकारी अस्पताल में छोड़ दिया है।



हेडक्वार्टर से 30 किलोमीटर दूर जंगल से आया था कॉल
दरअसल, नज़ीराबाद थाना क्षेत्र की डायल 108 एंबुलेंस जिसका हेडक्वार्टर नज़ीराबाद है उसको क्षेत्र के दूरस्थ जंगल वाले गाव कालापाठा में एक महिला को प्रसव पीड़ा होने का कॉल प्राप्त हुआ था। जिसपर डायल 108 के ड्राइवर जगदीश वंशकार और ईएमटी रोहित शर्मा उक्त गांव पहुंचे और महिला को नज़ीराबाद अस्पताल ले जाने लगे। मगर कुछ दूर चलने के बाद महिला को बहुत तेज़ प्रसव पीड़ा हुई। ईएमटी ने महिला के साथ मौजूद महिला और पुरुष को स्थिति से अवगत कराते हुए एंबुलेंस में ही प्रसव कराने की बात कही। जिसको उन्होंने मान लिया फिर उसके बाद ईएमटी रोहित शर्मा ने अपनी सूझ बूझ से महिला का डायल 108 में ही सुरक्षित प्रसव करा दिया। महिला ने एक स्वस्थ लड़के को जन्म दिया। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं और उनको नज़ीराबाद के सरकारी अस्पताल में भर्ती कर दिया गया हैं।


बच्चे के गले मे फंसी थी नाल,ज़्यादा देर करने और हो सकती थी अनहोनी
ईएमटी रोहित शर्मा ने बताया कि हमको सुबह 11.33 पर नज़ीराबाद के जंगल इलाके वाले गांव कालापाठा से महिला को प्रसव पीड़ा होने का कॉल प्राप्त हुआ था। यह जगह नज़ीराबाद से 30 किलोमीटर दूर है जिसमें 4 किलोमीटर कच्चा रास्ता भी था। हम वहां पर 40 मिनट में पहुंच गए। जब हम महिला को लेकर नज़ीराबाद आ रहे थे और हम जैसे ही मजीदगड के जंगल पहुंचे उसी समय महिला को बहुत तेज़ प्रसव पीड़ा होने लगी। जंगल का इलाका होने के कारण मोबाइल में नेटवर्क भी नहीं था। ऐसे में महिला के साथ आए अटेंडरों से महिला का एंबुलेंस मे ही प्रसव कराने की बात कही जिस पर महिला के परिजन मान गए। जिसके बाद महिला का प्रसव कराया। रोहित का कहना है कि हमको 108 में काम करने से पहले हर तरह की परिस्तिथि से निपटने और इमेरजेंसी में प्रसव कराने की ट्रैनिंग दी गई थी जो आज काम आ गई। प्रसव के दौरान देखा कि बच्चे के गले मे नाल लपटी हुई थी ऐसी स्थिति में अगर ज़्यादा देर हो जाती तो बच्चे और मां दोनों को खतरा हो सकता था। रोहित ने बताया की महिला की पहले से 2 लड़कियां है और अब लड़का पाकर मां और पूरा परिवार काफी खुश है।

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