उमा को मिला दिग्विजय का साथ, बोले- रायसेन के मंदिर के द्वार खोलना चाहिए
4/14/2022 7:24:18 PM
इंदौर(सचिन बहरानी): कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय महेश जोशी की प्रथम पुण्यतिथि पर स्मृति सभा में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए जिन्होंने अपने उद्बोधन में अपने कार्यकाल में स्व महेश जोशी के साथ किए गए कार्यों के क़िस्से सुनाए। इस दौरान उन्होंने रायसेन मंदिर के पट खोलने की बात कही। वही दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस की राजनीति में महेश जोशी मेरे मार्गदर्शक रहे हैं मैं कभी भी असमंजस में होता था तो उन्हीं से सलाह लेता था। आज प्रदेश के कोने कोने में उनके प्रशंसनीय है जो आज यहां पर स्मृति सभा में मौजूद हुए हैं।
वही रायसेन के शिव मंदिर को लेकर बोले
मैं मंदिर द्वार के खोलने को लेकर सहमत हूं साथ ही उस मंदिर के जीर्णोद्धार भी होना चाहिए। वही हमारे भोजपुर क्षेत्र में जो मंदिर है। उसका जीर्णोद्धार शंकर दयाल शर्मा जी के नेतृत्व में हमने उसका जीवन उद्धार कर आया था। तो रायसेन में जो शिव मंदिर है उसका भी जीर्णोद्धार राज्य सरकार को कराना चाहिए
दिग्विजयसिंह ने शराब बंदी को लेकर कहा
शराबबंदी की हम लोगों ने नीति बनाई थी। जब मैं मुख्यमंत्री था जिस मोहल्ले में 50% महिलाएं वह तय कर लें और दस्तखत करके दे दें तो सरकार को उस जगह से दुकान हटाना आवश्यक होगा यह नीति मैंने बनाई थी जो आज भी यथावत कायम है। शराबबंदी जहां-जहां हुई है। वहां ज्यादा सफल नहीं हुई है। गुजरात में शराबबंदी सबसे पुरानी है पर सबसे आसान तरीके से वहां हर ब्रांड की शराब आप को आसानी से मिल जाती है। इसमें वहां के कर्मचारी और अधिकारियों का ही लाभ होता है। यही हाल बिहार का भी है। इसलिए शराबबंदी बहुत सफल नहीं रही लेकिन जहां महिलाओं का विरोध है। वहां से शराब दुकान हटना चाहिए मैं उसका पक्षधर हूं।
वही रायसेन के शिव मंदिर को लेकर बोले
मैं मंदिर द्वार के खोलने को लेकर सहमत हूं साथ ही उस मंदिर के जीर्णोद्धार भी होना चाहिए। वही हमारे भोजपुर क्षेत्र में जो मंदिर है। उसका जीर्णोद्धार शंकर दयाल शर्मा जी के नेतृत्व में हमने उसका जीवन उद्धार कर आया था। तो रायसेन में जो शिव मंदिर है उसका भी जीर्णोद्धार राज्य सरकार को कराना चाहिए।
खुद पर दर्ज हो रहे मुकदमे को लेकर बोले
कि 1000 2000 100000 जितने मुकदमे दर्ज करना हो कर दें बात यह है कि मैं करता हूं बात भाईचारे की और भाई सारे की बात करना भाजपा को पसंद नहीं है तो इसमें दोष मेरा नहीं है या उनका दोष है और भाईचारा करने पर अगर मुझ पर जुर्म कायम होता है आरोप लगता है तो करें मुझे क्या आपत्ति है। मेरा रास्ता प्रेम सद्भाव अहिंसा और भाईचारे का है। वह मेरी आखरी सांस तक मैं उसका पालन करूंगा...वही प्रदेश के गृहमंत्री द्वारा बार बार कहना कि दो के ने ख़फ़ी साल ख़राब कर करिये उस पर बोले की नरोत्तम मिश्रा क्या कहते हैं मैं उस पर कभी टिप्पणी नहीं करता क्योंकि वह बकवास करते हैं।