MPPSC के परीक्षा पत्र में भील जनजाति पर पूछे सवालों से आग बबूला हुए मंत्री उमंग सिंघार, CM ने दिए जा
1/14/2020 10:43:45 AM
भोपाल(इज़हार हसन खान): MPPSC के प्रश्नपत्र में भील जनजाति को शराबी और अपराधी बताने के मामले में मध्य प्रदेश के वन मंत्री उमंग सिंघार आग बबूला हो गए हैं। उन्होंने इस मामले में घोर आपत्ति जताई है और दोषियों पर एससी एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की है। वहीं सीएम कमलनाथ ने भी इसे निदंनिय बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
उमंग सिंघार ने फेसबुक और ट्वीट पर पोस्ट करते हुए लिखा MPPSC की परीक्षा में भील समुदाय को अपराधी बताना दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस समुदाय में टंटया भील जैसे वीर आते हैं, उस समुदाय के लिए इस तरह की टिप्पणी बेहद आपत्तिजनक है। इसके लिए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इस तरह के सवालों को समावेश कर पेपर सेट करने वाले अफसरों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज होनी चाहिए। मैंने जीवन भर आदिवासी समुदाय , भील जनजाति व इस समुदाय की सभी जनजातियो का बेहद सम्मान किया है, आदर किया है। मैंने इस वर्ग के उत्थान व हित के लिए जीवन पर्यन्त कई कार्य किए हैं। मेरी सरकार भी इस वर्ग के उत्थान व भलाई के लिए होकर निरंतर कार्य कर रही है व करती रहेगी।
सीएम ने दिए जांच के आदेश
वहीं इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 12 जनवरी 2020 को आयोजित मध्यप्रदेश राज्य सेवा परीक्षा 2019 के प्रारंभिक परीक्षा में भील जनजाति के संबंध में पूछे गए प्रश्नों को लेकर मुझे काफ़ी शिकायतें प्राप्त हुई है। इसकी जांच के आदेश दे दिए गए है। इस निंदनीय कार्य के लिए निश्चित तौर पर दोषियों को दंड मिलना चाहिए, उन पर कड़ी कार्रवाई होना चाहिए ताकि इस तरह की पुनरावृति भविष्य में दोबारा ना हो। मैंने इस वर्ग के उत्थान व हित के लिए जीवन पर्यन्त कई कार्य किये हैं। मेरा इस वर्ग से शुरू से जुड़ाव रहा है।मेरी सरकार भी इस वर्ग के उत्थान व भलाई के लिए वचनबद्ध होकर निरंतर कार्य कर रही है।
बता दें कि रविवार को मध्य प्रदेश पीएससी के प्रश्नपत्र में भील जनजाति को शराब में डूबा रहने वाला और अपराधी प्रवृत्ति वाला बताया गया, जिसके बाद इस पर विवाद खड़ा हो गया है। वन मंत्री उमंग सिंघार के बाद सीएम कमलनाथ ने खुद ट्वीट कर जांच के आदेश देने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होने की बात कही।