राममंदिर निर्माण के लिए 27 साल से उपवास पर थीं उर्मिला, रामलला के दर्शन के बाद खत्म करेंगी संकल्प

11/11/2019 3:17:14 PM

जबलपुर: अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए दशकों का इंतजार उस समय समाप्त हो गया जब सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद से संबंधित फैसला सुनाया। वहीं जबलपुर की रहने वाली उर्मिला चतुर्वेदी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से काफी खुश हैं, क्योंकि राम मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर वर्ष 1992 में जो उपवास उन्होंने शुरू किया था, वह अब पूरा हो गया है।

वहीं अयोध्या में मंदिर निर्माण को लेकर पिछले 27 साल से उपवास कर रहीं उर्मिला अभी 87 साल की हैं, लेकिन उनका संकल्प अब भी मजबूत है। वह कहती हैं कि उपवास के पीछे उनका सिर्फ एक मकसद था कि अयोध्या में मंदिर का निर्माण होते देख सकें। इस इच्छा के पूरा होने के आसार नजर आने लगे हैं।

87 साल की उर्मिला चतुर्वेदी ने वर्ष 1992 के बाद अन्न ग्रहण नहीं किया है। जबलपुर के विजय नगर इलाके की रहने वाली उर्मिला चतुर्वेदी बताती हैं कि विवादित ढांचा टूटने के दौरान देश में दंगे हुए। खून-खराबा हुआ। हिंदू-मुस्लिम भाइयों ने एक-दूसरे का खून बहाया। ये सब देख उर्मिला चतुर्वेदी बेहद दुखी हुईं। उस दिन उन्होंने संकल्प ले लिया कि वह अब अनाज तभी खाएंगी, जब देश में भाईचारे के साथ अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कराया जाएगा। इस बीच मामला अदालत में चलता रहा। जब 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तो उर्मिला चतुर्वेदी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने भगवान राम को साष्टांग प्रणाम किया।

उर्मिला ने बताया कि 27 साल के उपवास के बाद उन्हें सफलता मिली है। इन वर्षों के दौरान उन्हें कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ा है। उर्मिला का कहना है कि वह सुप्रीम कोर्ट के पांचों न्यायाधीश का दिल से धन्यवाद करती हैं. उनकी इच्छा है कि वह अयोध्या में जाकर रामलला के दर्शन के बाद अपना उपवास खत्म करें।

Jagdev Singh

This news is Edited By Jagdev Singh