वीडी शर्मा : एक ऐसा मुखिया...जिसे अपनी सीआर की फिक्र रहती है!

2/17/2022 11:18:36 AM

हेमंत चतुर्वेदी (MP डेस्क) : हाल ही में ग्वालियर जिले के डबरा प्रवास के दौरान भाजपा के एक जिला स्तरीय पदाधिकारी से मुलाकात हुई, सामान्य चर्चा में जो एक बिंदू जो मैंने प्रमुख तौर पर महसूस किया, वो थी छोटे से छोटे स्तर पर भाजपा नेताओं की व्यस्तता। संबंधित नेता के मुताबिक, प्रदेश नेतृत्व हर दिन ऐसे ऐसे टास्क दे रहा है, कि पार्टी नेताओं को एक पल भी बैठने की फुरसत नहीं मिल रही, हालांकि इस व्यस्तता के बाद भी कार्यकर्ताओं के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी, क्योंकि इस वक्त उनका नेता भी लगातार अपने मिशन पर जुटा हुआ है। 



अगर आप मध्यप्रदेश की राजनीति में तनिक भी रुचि रखते होंगे, तो पिछले एक अर्से से आप एक मसले को बिल्कुल भी दरकिनार नहीं कर सकते। वो मसला है, सूबे के सत्तारूढ़ दल भाजपा के मुखिया वीडी शर्मा की सक्रियता। उनके अनवरत कार्यक्रम और सुदूर इलाकों में लगातार प्रवासों को देखकर राजनीतिक पंडित जहां हतप्रभ है, तो वहीं उनकी इस राजनीतिक सक्रियता ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर उनके प्रतिद्वंदियों के सामने उनकी लकीर को इतना गाढ़ा कर दिया है, कि फिलहाल उसके धुंधले होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही। कुल मिलाकर कोरोना की विभीषका से लथपथ सिर्फ दो सालों में वीडी शर्मा ने वो काम कर दिखाया, जिसे मध्यप्रदेश भाजपा के पिछले न जाने कितने अध्यक्ष नहीं कर सके और ये सिर्फ वीडी की अथक कोशिशों का ही परिणाम है, कि कल तक जिस भाजपा संगठन को सीएम हाउस का रबर स्टांप माना जाने लगा था, आज उसकी खुद की एक लकीर नजर आती है। 



वीडी के प्रयास और परिणामों को समझना इतना आसान भी नहीं है, इसके लिए एक बार के लिए आपको पिछले दो दशक के मध्यप्रदेश भाजपा संगठन के मुखियाओं की शैली को समझना पड़ेगा। इस मामले में अगर हम विचार करें, तो नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा किसी भी भाजपा अध्यक्ष ने ऐसी पहचान स्थापित नहीं की, कि उसे कुछ लंबे समय तक याद रखा जा सके। हालांकि तोमर पर लगातार ये सवाल भी उठते रहे, कि उनकी शैली मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की मंशा का प्रतिबिंब मात्र है, और उसी लाइन पर चलकर उन्होंने अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए। तोमर के अलावा प्रदेश भाजपा के कई मुखिया तो बदले, लेकिन उन सबका ढर्रा मानो समान था, जो कि पार्टी हाईकमान के लिए भी एक दफा चिंता का विषय बन गया और वीडी ने पार्टी नेतृत्व की चिंता को समझते हुए उसकी जड़ पर ऐसा वार किया, कि वो पहली ही चोट में धराशाई नजर आ रही है। 



इस वक्त हम चाहे पक्ष की बात करें, या विपक्ष की। सक्रियता के मामले में वीडी शर्मा शिवराज सिंह के अलावा एक मात्र राजनेता नजर आते हैं, अपने प्रतिद्वंदी कमलनाथ को वो कई मोर्चों पर पहले ही काफी पीछे धकेल चुके हैं। भाजपा की प्रदेश इकाई का संगठन एक नए कलेवर मे नजर आने लगा है। प्रदेश स्तर से लेकर बूथ स्तर तक का कार्यकर्ता अपने काम में व्यस्त हैं। ये सब कैसे संभव हुआ ? क्या सिर्फ एक बदलाव ने मध्यप्रदेश भाजपा संगठन की तस्वीर बदल दी ? ये तमाम सवाल आज हर किसी की जुबां पर बने हुए हैं और इन सवालों का केंद्र वीडी शर्मा हर दिन ऐसे आयाम गढ़ने में व्यस्त हैं, जिसे मौजूदा दौर में चुनौती देना किसी के बस की बात नहीं है।

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This news is Content Writer meena