बंधाली के आदिवासियों की अनूठी पहल, श्रम करके क्षतिग्रस्त पुलिया को दोबारा किया खड़ा
3/15/2022 7:41:00 PM
श्योपुर (जेपी शर्मा): पिछले दिनों आई बाढ़ ने पूरे श्योपुर जिले में तबाही का मंजर पैदा कर दिया था। जगह-जगह पुल पुलिया सड़क दरक गये थे। उसी दौर में ग्राम बंधाली के पास आवदा बांध के ओवर फ्लो से निर्मित जलस्रोत पर बनी पुलिया भी जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिस कारण से बंदाली का निकटस्थ वन ग्रामों मठ नीमोदा, सारसल्ला, भोजका, कैलोर सायपुरा आदि ग्रामों से संबंध टूट गया था। जिस कारण एक लंबा चक्कर लगा कर ही इन गांवों तक पहुंचा जा सकता था।
प्रशासन की अनदेखी
ग्रामवासियों ने कई बार आवेदन देकर प्रशासन को पुलिया की मरम्मत के लिए आग्रह किया था। लेकिन प्रशासन की अनदेखी से परेशान होकर एकता परिषद की पहल पर ग्रामीणों ने श्रमदान के माध्यम से इस पुलिया की मरम्मत का बीड़ा उठाया और श्रमशक्ति से उसे पूरा कर दिखाया, जो जिले के अन्य समस्या ग्रस्त ग्रामों के लिए एक मिशाल बना गया है।
ग्रामीणों ने मिलकर दोबारा खड़ी की पुलिया
ग्रामीणों के इस महती अवदान से न केवल सभी के लिए जंगल और निकटस्थ ग्रामों तक पहुंचने के लिए मार्ग सुगम हो गया है। बल्कि अन्य ग्रामों के लिए भी यह कार्य प्रेरणा बन गया है। कि किस तरह समस्या के निदान के लिए प्रशासन का मुंह न ताक कर यदि लोग खुद आगे आयें तो कोई काम असंभव नहीं है।
पुलिया के क्षतिग्रस्त होने से आ रही था काफी परेशानी
गांधी सेवा आश्रम के प्रबंधक जय सिंह ने बताया कि बंधाली ग्राम के निवासियों ने आश्रम के कार्यकर्ता कल्याण मारू को अवगत कराया था। कि उनके गांव की बाढ] से टूटी पुलिया की मरम्मत प्रशासन को जानकारी देने के बाद भी नहीं हो पा रही है। जिसके कारण निकटस्थ ग्रामों में जाने के लिए काफी चक्कर लगाकर जाना पड़ता है। इस पर गांधी आश्रम और एकता परिषद की पहल पर गूंज के सहयोग से ग्रामीणों को श्रम शक्ति का महत्व बताते हुए इस कार्य को स्वयं पूर्ण करने की प्रेरणा दी गई। उन्हें बताया गया कि इस कार्य के लिए कुछ जीवनोपयोगी सामग्री उन्हें दी जा सकती है। जिसके बाद ग्रामीणों ने इस कार्य को पूरा करने का बीड़ा उठाया और श्रम शक्ति से इस कार्य को पूरा कर दिखाया।
समाजसेवियों ने ग्रामीणों को बढ़ाया हौसला
ग्रामीणों को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए आज समाजसेवी कैलाश पाराशर के साथ कार्यस्थल पर पहुंचकर श्रमदान भी किया तथा उनकी हौसला अफजाई की निश्चित ही इसकी लौ अन्य ग्रामों तक पहुंची तो बहुत सी समस्याओं का निराकरण स्वयं ग्रामीण कर सकेंगे