30 करोड़ के फ्लाईओवर की बारिश ने खोली पोल, लोगों ने नितिन गडकरी को ट्वीट कर दी जानकारी
7/31/2019 12:16:13 PM
भोपाल: मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश से पुलों, सड़कों व फ्लायओवर ब्रिजों में की गई हेरा-फेरियों की पोल भी खुलने लगी है। इसी कड़ी में नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया(एनएचएआई) के अधिकारियों और निर्माण कंपनी की मिलीभगत के चलते सात महीने पहले बनकर तैयार हुए राजधानी के सिंगारचोली स्थित फ्लाईओवर ब्रिज की हालत नाजुक बनी हुई है। लालघाटी से एयरपोर्ट जाने वाली लेन के हिस्से में फ्लाईओवर की सड़क धंसने लगी है, ब्रिज में पानी के कारण सीट ने मटेरियल को छोड़ दिया है।
लोगों की शिकायत के बाद प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए फ्लाईओवर पर यातायात रोक दिया गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि शिकायतों के बावजूद ब्रिज के निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार पर ध्यान नहीं दिया गया, इससे अब लोगों की जान पर बन आई है।
लोगों ने एनएचएआई को चेताया
दरअसल, भारी बारिश से ब्रिज पर पानी भर गया था। ब्रिज के नीचे सर्विस लेन भी पानी में डूबी रही। रहवासियों ने जब ब्रिज के आसपास पड़ताल की तो ब्रिज के कई हिस्सों से पानी का रिसाव मिला। वहीं ब्रिज की प्रिकास्टेड वाल टूटने की कगार पर पहुंच गई। जब इसकी जानकारी एनएचएआई के अधिकारियों को दी तो उन्होंने ब्रिज से तत्काल यातायात बंद कराया।
घटिया मटेरियल
ब्रिज निर्माण में लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बेस के मटेरियल को सेट करने के लिए लोहे की जिन सेंटिंग को लगाया गया था उन्हें अब तक नहीं निकाला गया। ब्रिज के नीचे निकलने वाले रास्ते के ठीक ऊपर यह सेंटिंग लगी हुई थी। वहीं इसमें यूज किया गया मेटेरियल इतनी घटिया क्वालिटी का है कि हाथ लगाने से ही सीमेंट झड़ने में लगता है। लेक पर्ल गार्डन से एयरपोर्ट की ओर ब्रिज का हिस्सा कई जगह से टूटा दिखाई दे रहा है। ब्रिज के दोनों ही ओर की दीवारों के टुकड़े गिर गए हैं।
ट्वीटर पर नितिन गडकरी से शिकायत
ब्रिज निर्माण में घटिया कार्यशैली को लेकर लोगों ने सुबह से ही एनएचएआई के अधिकारियों को संपर्क किया, लेकिन अधिकारियों ने मिलने से मना कर दिया। इसके बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को ट्वीटर पर फ्लाईओवर की फोटो, वीडियो भेजकर घटिया निर्माण की शिकायत की है।
इनका कहना है
घटिया निर्माण कार्य को लेकर कई बार एनएचएआई व जिला प्रशासन से शिकायत की है। यदि एक्शन लिया जाता तो करोड़ों का निर्माण ऐसे बर्बाद नहीं होता। यह ब्रिज बड़े हादसे को दावत दे रहा है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।