कमलनाथ का CM से सवाल नं 4-स्वर्णिम झूठ फैलाकर प्रदेश को क्यों लूटा

10/23/2018 11:48:48 AM

भोपाल: कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ शिवराज सरकार को घेरने के लिए के लिए 19 अक्टूबर से 40 दिन 40 सवाल का सिलसिला शुरू किया है, जिसको लेकर मंगलवार को उन्होनें चौथा प्रश्न पूछा है। सवालों के पहले दिन कमलनाथ ने शिवराज सरकार से स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रश्न पूछे थे, वहीं दूसरे दिन सरकार की घोषणाओं और उनकी जमीनी हकीकत और तीसरे दिन महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए थे। 

लेकिन 23 अक्टूबर को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने चौथा सवाल पूछते हुए प्रदेश की गरीबी व पिछड़ेपन को लेकर शिवराज सरकार का घेराव किया है। 

 


कमलनाथ ने पूछे ये सवाल...

  • मोदी सरकार ने राज्यों का संपत्ति सूचकांक जारी किया है, जिसमें मप्र के सिर्फ़ 15.8% परिवार ही इसके दायरे में आते हैं।इतनी खराब स्थिति बड़े राज्यों में छत्तीसगढ़ और बिहार की है, जहाँ चंडीगढ के 78.5% ,पंजाब के 60.7%, हिमाचल जैसे राज्य के 31% परिवार संपन्न हैं। ( लोकसभा - प्रश्न 174- 2/2/2018 )
  • मोदी सरकार की सितम्बर 2017 (NFHS) में जारी रिपोर्ट बताती है कि 2006 से 2016 के बीच मध्यप्रदेश में गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों की जनसंख्या 27 % बढ़ गई है।
  • केंद्र के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए गए सर्वे (2016) में मप्र में सिर्फ 36% लोग पक्के घरों में रहते है
  • मप्र में सिर्फ 23% घरों में नल द्वारा पीने का पानी आता है(शहरों में 51% और गांवों मे 11%)
  • मप्र के सिर्फ 30% लोग खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल करते है
  • मध्यप्रदेश में 57% परिवार अभी भी खुले में शौच के लिए मजबूर हैं। 
  • मोदी सरकार का नीति आयोग कहता है कि मध्यप्रदेश के 45 लाख़ 82 हज़ार 607 (40.33 %) ग्रामीण घरों में बिजली नहीं है । ( 30 /4/2017 ) 
  • हैंडबुक ऑफ स्टेटिस्टिक्स (आर बी आई) के अनुसार यू पी और बिहार के बाद सबसे ज़्यादा गरीब लोग मध्यप्रदेश में हैं - 2करोड़ 34लाख़ 6000 ।
  • केंद्र की कृषि लागत और मूल्य आयोग की वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट: मध्यप्रदेश में कृषि मजदूरी सबसे कम ,मात्र 210 रुपये है, बिहार में 251रु प्रति दिन,आंध्रप्रदेश में 291रु., महाराष्ट्र में 269 रु,पश्चिम बंगाल में 232रु कृषि मजदूर को मिलते हैं, पिछले 15 सालों से मप्र में सबसे कम मजदूरी मिलती है
  • मप्र में मनरेगा में दर्ज परिवार -68.25 लाख
    अर्थात मध्यप्रदेश की लगभग आधी आबादी मज़दूरी के लिए बाध्य।
    2014-15 में100दिन का पूरा रोजगार पाने वाले परिवार-1,58,776(2.33%)
    2015-16 में 100दिन का पूरा रोजगार पाने वाले परिवार-2,25,502(3.30%)
    2016-17 में 100दिन का पूरा रोजगार पाने वाले परिवार-1,40,990(2.1%)
    2017-18  में 100 दिन का पूरा रोज़गार पाने वाले परिवार - 1,34,724 (1.97%)।
  • मोदी सरकार के नीति आयोग के सीईओ अमिताभकांत मध्यप्रदेश के विकास पर बहुत बड़ा सवाल खड़ा करते हुए अप्रैल 2018 में कहते हैं कि मध्यप्रदेश जैसे पिछड़े राज्यों के कारण देश पिछड़ गया ।
     

Vikas kumar

This news is Vikas kumar