MP में क्या कांग्रेस की सत्ता में होगी वापसी?, 25 सीटों पर उपचुनाव करेगा फैसला
3/20/2020 6:38:18 PM
भोपाल: मध्य प्रदेश में अपनी सरकार होने के बावजूद अपने ही बागियों से मिले जख्म अब कांग्रेस के लिए भर पाना मुश्किल है, लेकिन अब क्या प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापिसी हो पाएगी। इसका जवाब प्रदेश में अगले 6 महीने में होने वाले उपचुनाव तय कर देंगे। प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से दो सीटें विधायकों के निधन के कारण खाली हैं। और अब कांग्रेस के 22 बागियों और बीजेपी के शरद कोल के इस्तीफे के बाद कुल 25 विधानसभा सीटें खाली हो गई हैं। इन पर होने वाला उपचुनाव कमल के बजाए नया गुल भी खिला सकता है।
कमलनाथ सरकार गिरने के साथ 23 विधायकों की विधायकी भी खत्म हो गई है। अब कुल 25 सीटों पर चुनाव होगा। मौजूदा संख्या गणित में बीजेपी से पिछड़ी कांग्रेस को अब सत्ता में वापिसी के लिए उपचुनाव की 25 सीटों में से 17 सीटों पर जीत की जरूरत होगी। उपचुनाव के परिणाम तय कर देंगे कि कांग्रेस की सत्ता में वापिसी होगी या फिर कांग्रेस सत्ता का वनवास काटेगी।
मध्य प्रदेश में अब विधानसभा सीटों के गणित पर नजर डालें तो -
प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीट हैं।
- पच्चीस सीटों पर होगा उपचुनाव।
-कांग्रेस के 22 बागी और बीजेपी के 1 विधायक के इस्तीफे और दो विधायकों के निधन के बाद 25 सीट खाली।
-बहुमत के लिए ज़रूरी आंकड़ा 116
-बीजेपी के पास फिलहाल 106 विधायक हैं. उसे उपचुनाव में 10 सीट जीतना होंगी।
-कांग्रेस की विधायक संख्या 92 है।
निर्दलीय सपा-बसपा 7 को मिलाकर 99।
अगर बसपा-सपा और निर्दलीय कांग्रेस के साथ बने रहते हैं तो बीजेपी को मात देने के लिए उसे 17 सीटें जीतना होंगी। सीटें खाली घोषित होने पर अगले 6 महीनों में उपचुनाव होंगे।
इसी बीच कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अब सभी की नजरें राजभवन पर हैं। बीजेपी अब सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। राज्यपाल बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी को सरकार बनाने का न्यौता दे सकते हैं। राजभवन से न्यौता मिलने पर बीजेपी सरकार बनाएगी। कांग्रेस के बागी 22 और बीजेपी के शरद कोल के इस्तीफे के बाद मौजूदा विधायक संख्या के आधार पर बीजेपी की सदस्य संख्या ज़रूरी बहुमत से ज्यादा हो गई है।
बीजेपी अगर सरकार बनाती है तो उसे विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। वो अपने मंत्रिमंडल में कांग्रेस के बागी पूर्व विधायकों को भी शामिल कर सकती है, लेकिन मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले बागियों को उपचुनाव में जीत कर आना होगा।