World Cancer Day: 10 साल लड़ी कैंसर से लड़ाई, आखिरकार मिली हंसती खेलती जिंदगी

2/4/2019 1:18:01 PM

मुरैना: चंबल संभाग का मुरैना ऐसा जिला है, जहां प्रदेश में सबसे कम बेटियां हैं। लेकिन यहां के रहने वाले दंपति मनोज और ममता शर्मा ऐसे माता-पिता हैं जिन्होंने पिछले 10 साल से अपनी 5 वर्षिय बौन कैंसर पीड़ित बेटी की जान बचाने के लिए संघर्ष किया। उन्होंने अपनी बेटी के इलाज में अपनी सारी पूंजी भी खर्च कर दी। अब उनकी बेटी एकदम स्वस्थ है।



जानकारी के अनुसार, मनोज और ममता न्यू हाउसिंग बोर्ड में रहते हैं। उन्हें 2009 में पता चला कि उनकी 5 वर्षिय बेटी उन्नति शर्मा को बोन कैंसर है। उन्होंने बिना देरी किए बेटी का इलाज पहले दिल्ली और फिर मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल में शुरू करवाया। उन्हें बताया गया था कि उपचार में बहुत पैसे खर्च करने पड़ेंगे। हांलाकि कुछ लोगों ने यह भी कहा कि बेटी ही तो है, क्यों जिंदगी भर की पूंजी बर्बाद कर रहे हो। लेकिन मनोज और ममता ने संघर्ष जारी रखा। दोनों की लगन रंग लाई और उन्नति ने इस बीमार से छुटकारा पा लिया। वह फिलहाल 9वीं कक्षा में है और उसकी बड़ी बहन रानू शर्मा जयपुर में कानून की पढ़ाई कर रही है।



वहीं मनोज शर्मा कहते हैं कि साल 2010 में जब वह दिल्ली में अपनी बेटी उपचार करा रहे थे। उसी दौरान बेटी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गई। हालत इतनी खराब हो गई कि उसे वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। बेटी का इलाज जारी रखने के लिए ममता ने अपने जेवर दिल्ली में ही बेच दिए थे । संघर्ष का असर रहा कि उन्नति स्वाइन फ्लू की चपेट से भी बाहर आ गई।



हालांकि 2011 में उन्नति के माता-पिता को मुरैना के कलेक्टर एमके अग्रवाल ने सरकारी सहायता लेने की सलाह दी थी। लेकिन मनोज ने मना कर दिया और कहा कि अपनी बेटी के इलाज के लिए अपनी सारी जमापूंजि लगा देंगे। अगर जरुरत पड़ी तो ही सरकारी सहायता लेंगे। उनकी दृढ़संकल्प का नतिजा ही है कि उन्नित को जीवन दान मिला और वह अपनी सामान्य जिंदगी जी रही है।

ASHISH KUMAR

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