दंतेवाड़ा के जगंल में मिला विश्व का सबसे छोटे प्रजाति का हिरण, महज 3 किलो होता है वजन

7/28/2022 4:09:46 PM

दंतेवाड़ा(पुष्पेंद्र सिंह): छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के बैलाडीला की पहाड़ी में विश्व की सबसे छोटे प्रजाति का हिरण मिला है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब इस प्रजाति का एक घायल हिरण भटकते हुए शहरी इलाके में पहुंचा। लोगों को यह घायल अवस्था में मिला। लोगों ने इसे तुरंत वन विभाग को सौंप दिया। वन विभाग कर्मियों ने हिरण का इलाज करवाया और वापस बैलाडीला के घने जंगल-पहाड़ी में छोड़ दिया गया। इस प्रजाति के हिरण का वजन सिर्फ तीन किलो ही होता है। यह बेहद दुर्लभ प्रजाति का वन्य जीव है।



दरअसल, बचेली के सुभाष नगर में रात के समय जंगल से भटकते हुए यह हिरण आ गया। इसकी सूचना यहां के लोगों ने वन विभाग को दी। बचेली वन परिक्षेत्र अधिकारी आशुतोष मांडवा अपनी टीम डिप्टी रेंजर अघन श्याम भगत,  बीट आफीसर राजेश कर्मा सहित वनकर्मी के साथ पहुंचे। हिरण को कार्यालय लेकर आए। वन परिक्षेत्र अधिकारी आशुतोष मांडवा नें बताया कि सूचना उच्च अधिकारियों को दी गई। उनके परामर्श अनुसार रायपुर जंगल सफारी के पशु चिकित्सक से परामर्श लेकर बचेली के पशु चिकित्सक से इस जीव की जांच करवाई। हिरण थोड़ा घबराया हुआ और चोटिल था। इसलिए पशुचिकित्सक से उसका उपचार करवा के ठीक होने पर उसे घने जंगलों में आजाद कर दिया गया।

सबसे छोटे प्रजाति वाला है हिरण

सर्प मित्र और पर्यावरण प्रेमी अमित मिश्रा ने बताया यह अत्यंत दुर्लभ प्रजाति का हिरण, इंडियन माउस डियर (इंडियन स्पॉटेड शेवरोटेन) जिसका वैज्ञानिक नाम मोसियोला इंडिका हैं। ये विश्व की सबसे छोटी हिरण की प्रजाति मानी जाती है। इसकी लंबाई 57.5cm होती है। वजन सिर्फ 3 किलोग्राम के आस-पास होता है। ये रात में निकलने वाला जीव है। बहुत मुश्किल से ही देखने को मिलता है। यहां तक की कैमरा ट्रैप में भी आज तक इसकी कम ही तस्वीरें कैद हो पाईं हैं। जंगल में भी इसे देख पाना आसान नहीं होता है। अब तक इस प्रजाति के बैलाडीला में होने की जानकारी नहीं थी।

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