2 साल से कोर्ट केस में फंसे कछुए अब करेंगे पर्यटकों का मनोरंजन ! जानिए क्या है पूरी कहानी...

4/3/2021 4:23:03 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश में तस्करों से बरामद 5 अफ्रीकी कछुओं को कोर्ट ने अब वन विहार में छोड़ने के आदेश दिए हैं। इसके बाद इन अफ्रीकी कछुओं को लोग देख सकेंगे। कोर्ट ने तस्करों से बरामदगी के बाद इन कछुओं को प्राकृतिक आवास में छोड़ने का आदेश दिया था लेकिन लेकिन सरकारी कागज़ी कार्रवाई में लेट लतीफी के कारण ऐसा नहीं हो पाया।



दरअसल, सुलकाटा प्रजाति के अफ्रीकी कछुओं को सिवनी जिले में पुलिस व राज्यस्तरीय एसटीएफ वाइल्ड लाइफ ने 2018 में संयुक्त कार्रवाई करते गुए 2 तस्करों को सिवनी में पकड़ा था। आरोपी इन्हें कोलकाता से मुंबई ले जा रहे थे। स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स को जांच में पता चला है कि इन्हें अफ्रीका से बांग्लादेश के रास्ते भारत लाया गया था। सुलकाटा प्रजाति के यह कछुए दुर्लभ प्रजाति के होते हैं इसलिए इनके परिवहन और शिकार पर पाबंदी है। यह कछुए अफ्रीका के रेगिस्तानी इलाकों में पाए जाते हैं और गर्म वातावरण में रहने के आदी होते हैं। इसलिए इनकी जांच की जिम्मेदारी डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस को सौंपी गई थी।



तस्करों से बरामदगी के बाद इन कछुओं को भोपाल के वन विहार भेज दिया गया था लेकिन कोर्ट प्रकरण के चलते इन्हें यहां डिस्पले में नहीं रखा गया था। कोर्ट ने कछुओं को प्राकृतिक आवास में भेजने का निर्देश दिया था जिसके बाद वाइल्डलाइफ एसटीएफ ने कस्टम विभाग और नेशनल जू ऑथोरिटी को पत्र लिखा था। इनका मानना था कि इन कछुओं को वापस अफ्रीका भेजा जाए लेकिन कस्टम विभाग ने कछुओं को लेने से इंकार कर दिया था। 29 नवंबर को वन विहार पहुंचे कछुओं को रखने के संबंध में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने एसटीएफ वाइल्ड लाइफ को अनुमति दे दी है। एसटीएफ वाइल्ड लाइफ इसकी सूचना सिवनी कोर्ट को देगा। प्राधिकरण की अनुमति मिलने के बाद ये कछुए पर्यटक देख सकेंगे।

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This news is Content Writer meena