50 के अधेड़ ने कुतिया के साथ किया रेप, पड़ोसी ने किया वीडियो वायरल
Friday, Jan 15, 2021-04:54 PM (IST)
जबलपुर(विवेक तिवारी): रेप और गैंगरेप पुरुषों की घटिया मानसिकता का ही परिणाम है। पुरुष वर्ग अपनी हवस मिटाने के लिए मासूम बच्चियों और महिलाओं को शिकार बनाकर इंसानियत को शर्मसार करते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के जबलपुर में तो एक शख्स ने इंसानियत के नाम पर ही कालिक पोत दी। जिसने अपनी हवस मिटाने के लिए एक बेजुबान कुत्ते(मादा डॉगी) को इस्तेमाल किया। यह सिलसिला न जाने कब से चल रहा था। लेकिन वो कहते हैं न कि अपराध कभी छुपता नहीं और उसके इस जुल्म का खुलासा हो गया।
मामला जबलपुर के गौर बरेला का है। बताया जा रहा है कि 50 वर्षीय यह जहां शख्स अपनी कुंठा शांत करने के लिए पिछले काफी दिनों से कुत्ते(मादा डॉगी) के साथ दुष्कर्म करता रहा। मामला तब उजागर हुआ, जब इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पुलिस ने दुष्कर्म और पशु क्रूरता का मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
घटना 11 जनवरी की है। समाधि रोड स्थित हिनौतिया ग्रीन सिटी निवासी 50 वर्षीय संगीत जैन आवारा डॉगी को भोजन देने निकले थे। उसी दौरान उसने एक मादा डॉगी(कुतिया) पकड़ कर उसके साथ दुष्कर्म किया। तभी पड़ोसी अनुराग तिवारी जो उस समय छत पर टहल रहे थे, उनकी नजर इस पर गई। उन्होंने उसी समय मोबाइल पर वीडियो बनाई और एनिमल लवर्स संस्था को भेज दी।
खास बात यह कि आरोपी किसी ऐसी वैसी नहीं बल्कि एक अच्छी पढ़ी लिखी फैमिली से है। उसकी बेटी टीचर है। बेटा भी जॉब करता है। पत्नी भी शिक्षिका थी, लेकिन 10 साल से पैरालाइसिस होने से बिस्तर पर रहती हैं। वहीं गांव वासी आरोपी संगीत जैन की इस गंदी हरकत से खुद को शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं।
बरेला पुलिस के अनुसार आरोपी बहुत समय से मादा डॉगी के साथ गलत काम कर रहा था। इस घटना के बाद क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं है। कहा जा रहा है कि लोग इतनी नीच हरकतें करने लगेंगे यह कभी सोचा नहीं था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी सेक्शन 377 और पीसीए 11 के तहत केस दर्ज किया। इस दौरान पुलिस ने एक सूचना जारी कि जिसमें लोगों से अपील की गई अगर इस तरह की घटनाएं करते कोई पाया जाता है तो वह तत्काल पुलिस से संपर्क करें। गौर चौकी पुलिस के अनुसार फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट भेजा गया।
सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज करते हुए जेल भेज दिया है। समाजशास्त्री प्रोफेसर सीएसएस ठाकुर ने बताया, मोबाइल ने लोगों की मानसिकता को निम्न स्तर तक पहुंचा दिया है। गलत-सही का पैमाना लोग अपने स्तर पर तय करने लगे हैं। वहीं, मनोचिकित्सक डॉक्टर सुमित पासी ने बताया, यह मानसिक बीमारी के लक्षण हैं। ऐसे लोगों को इलाज की सख्त जरूरत है।