भोलेनाथ की जिद्द का साक्ष्य है अचलेश्वर महादेव, राजा भी नहीं हिला पाए थे बीच सड़क से महाकाल की पिंडी

3/11/2021 2:22:33 PM

ग्वालियर(अंकुर जैन): मध्य प्रदेश में भोलेनाथ शिव-शंभू के कई प्रसिद्ध धाम हैं। जहां पर देश-विदेश से भक्तों का तांता लगा रहता है। एक ऐसी ही महाकाल की नगरी है अचलेश्वर महादेव। जहां पर भोलेनाथ साक्षात विराजमान है। श्रद्धालुओं की यहां अटूट आस्था है। ग्वालियर के इस मंदिर का विशेष महत्व है। शिवजी के हठ का ये जीता-जागता साक्ष्य है। भक्तों की माने तो यहां पर महादेव अपनी जिद्द के कारण ही बीच सड़क पर विराजमान है। महादेव को इस स्थान से हटाने के भऱसक प्रयास हुए लेकिन इंच भर भी कोई हिला नहीं पाया। महादेव की शक्ति देखकर भक्तों ने यहीं पर बीच सड़क मंदिर को स्थापित कर दिया।

PunjabKesari

अचलेश्वर महादेव जी का नामकरण सिंधिया रियासत के शासकों ने किया है। भक्तों के मुताबिक तत्कालीन शासकों का काफिला इस मार्ग से गुजर रहा था। तब उन्होंने महादेव की पिंडी को बीच रास्ते में देखा। उन्होंने पिंडी को हटाने का आदेश दिया। राजा की सेना ने पिंडी को हटाने के लिए हर संभव प्रयास किया। पिंडी को रस्सियों से बांधकर हाथियों से खिंचवाया लेकिन हिला भी न पाए। तब उन्हें महादेव की शक्ति का अहसास हुआ और इसका नाम अचलेश्लर पड़ा। अब ये स्थान आस्था का केंद्र बन चुका है।

PunjabKesari

अचलेश्वर महादेव मंदिर की विशेषताएं जानकर आप हैरान रह जाएंगे। मंदिर में लगा सवा क्विंटल का घंटा इसकी महिमा बयान करते हैं। दूध और जल से महादेव का अभिषेक होता है। डमरु और घंटे की ध्वनी से सारा माहौल शिवमयी हो जाता है। मंदिर में 1 किलो 170 ग्राम सोने का मुकुट भी है। मुकुट के उपरी हिस्से में महादेव जी की प्रतिमा इस पर उकेरी गई है। इसके चारों ओर बाहरी हिस्से मे 12 ज्योतिर्लिंगो के दर्शन किए जा सकते हैं।

PunjabKesari

महादेव के मंदिर में आने वाले कई ऐसे भी भक्त हैं जिनको भोलेनाथ के साक्षात दर्शन होने का दावा करते हैं और कहते हैं कि उनकी एक-एक सांस सिर्फ बाबा की कृपा से ही चल रही है। महाकाल की नगरी के अदभुत दर्शन करने जो भी यहां पर आता है उसके मन की मुराद महादेव जी अवश्य ही पूरा करते हैं। भक्तों को कोई भी कष्ट हो अचलेश्वर महादेव जरुर हर लेते हैं।

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

meena

Recommended News

Related News