आखिर जिंदगी से जंग हार गया प्रहलाद, 90 घंटे के रेस्क्यू के बाद बोरवेल से निकाला मासूम का शव
11/8/2020 10:59:26 AM
निवाड़ी: मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के सैतपुरा के बारह गांव में बोरवेल में गिरा तीन साल के मासूम प्रहलाद कुशवाहा आखिरकार जिंदगी से जंग हार गया। 90 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार मासूम को निकाल लिया गया। 4 नवंबर को बोरवेल में गिरे प्रहलाद में बोरवेल में गिरने के कुछ घंटे बाद से ही हलचल बंद हो गई थी और इस बात की पूरी आशंका थी कि वह दम तोड़ चुका है। बावजूद इसके एनडीआरएफ और सेना की टीम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी रही और शनिवार रात अंततः बच्चे को खोज निकालने में सफल रही। प्रहलाद को तत्काल झांसी मेडिकल कॉलेज ले जाने के लिए एंबुलेंस तैयार थी और उसके साथ डॉक्टर भी तैयार थे l
जैसे ही प्रहलाद को बाहर निकाला गया, तत्काल एंबुलेंस से उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। संभवत देश में चले किसी भी बोरवेल में फंसे बच्चे को निकालने के सबसे लंबे ऑपरेशन में आखिर मे असफलता हाथ लगी। शनिवार की दोपहर भी इस बात की व्यापक संभावना थी कि बच्चे तक एनडीआरएफ की टीम पहुंच जाएगी लेकिन तब बताया गया कि बोरेवेल और सुरंग की दिशा का सही पता लगाने में असफलता हाथ लगी है और बच्चे तक पहुंचने में अभी कुछ और वक्त लगेगा।
90 घंटे की इस कवायद में पुलिस और प्रशासन की टीम पूरी मशक्कत के साथ जुटी रही लेकिन कहीं ना कहीं प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई इसमें एक सुनियोजित प्लान के तहत काम करने की बजाय आवश्यकता पड़ने के अनुसार एनडीआरएफ और सेना की टीमों को बुलाया गया और यदि बचाव दल को पहले से सुनियोजित ढंग से कार्य कराया जाता तो शायद बच्चे की जान बन जाती।
बता दें कि पृथ्वीपुर थाना क्षेत्र के शैतपुरा गांव में खेत में बोरवेल के लिए गड्ढा खोदा गया था। गड्ढा खुला पड़ा था, उसे लोहे के बर्तन से ढंका गया था। हरिकिशन का चार साल का बेटा प्रह्लाद कुशवाहा इस गडढे के पास खेल रहा था। खेल-खेल में उसने गड्ढे के ऊपर रखे बर्तन को हटाया और उसमें गिर गया। घटना की सूचना पर निवाड़ी की पुलिस अधीक्षक वाहिनी सिंह मौके पर मौजूद है और उन्होंने बताया कि राहत और बचाव कार्य के लिए सेना को बुलाया जा रहा है।
इसके बाद बच्चे को बोरवेल से निकालने के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, लोकल पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने दिन रात एक किया हुआ था। बच्चे को सकुशल निकालने के लिए बोरवेल में ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी। घटना स्थल पर 6 जेसीबी मशीनों से बोरवेल के आसपास खुदाई की गई ताकि बच्चा ज्यादा गहराई में न गिर सके। लेकिन उसे बचाया न जा सका।
सबसे ज्यादा पढ़े गए
Recommended News
Recommended News
मैड़ी मेले में आए अमृतसर के श्रद्धालु की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत, पुलिस जांच में जुटी
पेट की जिद्दी चर्बी हो जाएगी गायब, रोज पिएं ये 5 Drinks
Lok Sabha Election 2024: अमेठी और रायबरेली सीट पर कांग्रेस ने नहीं खोले पत्ते, सीईसी की बैठक में नहीं हुई चर्चा
Jatoli Shiv Temple in Solan, Himachal Pradesh: एशिया के सबसे ऊंचे जटोली शिव मंदिर में है स्फटिक मणि शिवलिंग