कैबिनेट के बाद अब कार्यकारिणी में दिखेगा सिंधिया का रुतबा! नेतृत्व के सामने रखी ये डिमांड
9/1/2020 5:44:51 PM
भोपाल(प्रतुल पाराशर): कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए राज्यसभा सासंद ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा नेतृत्व व कार्यकर्ताओं के लिए परेशानी का सबब बनते नजर आ रहे हैं। मिशन 27 उपचुनाव के मद्देनजर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की टीम विस्तार का इंतजार लंबा होता जा रहा है। जिसका सीधा सीधा कनेक्शन ज्योतिरादित्य सिंधिया बताए जा रहे हैं। सूत्रों की मानों तो शिवराज कैबिनेट में भारी दखल के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया अब संगठन में भी अपना दबदबा बनाना चाहते हैं। पार्टी में कार्यकारिणी को लेकर अचानक बढ़ी बेचैनी और कलह की खबरों के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा एक बार फिर से दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं से मिलने पहुंचे हैं।
शिवराज मंत्रिमंडल में अपने एक दर्जन समर्थकों को मंत्री बनाकर बड़े विभागों में जिम्मेदारी दिलाने के बाद सिंधिया अब चाहते हैं कि पहले प्रदेश संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर भी उनके समर्थक नजर आए। बताया जा रहा है कि सिंधिया प्रदेश में तीन उपाध्यक्ष दो महामंत्री तीन सचिव दो मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष सहित प्रदेश कार्यकारिणी में अपने समर्थकों को जगह दिलाना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक सरकार के बाद सिंधिया ने अब संगठन में भी अपने समर्थकों के लिए पदों की मांग रख दी है सिंधिया चंबल ग्वालियर के अलावा मालवा में अपना प्रभाव कम नहीं करना चाहते इसके चलते उन्होंने इन दोनों ही क्षेत्रों में अपने समर्थकों को महामंत्री और उपाध्यक्ष बनाने की मांग रखी है। इसके अलावा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए विधायकों में से दो के लिए संगठन में मंत्री पद भी सिंधिया चाह रहे हैं।
वहीं बीडी शर्मा बीजेपी में पहले से स्थापित नेताओं को तरजीह दे रहे हैं। साथ ही साथ सिंधिया समर्थकों को पद देने से भाजपा को अपने पुराने नेताओं को निराश करना पड़ेगा। यह सारे पेच दिल्ली में राष्ट्रीय नेतृत्व से चर्चा के बिना नहीं निकल सकेंगे। इसके चलते अब सभी की निगाहें प्रदेश अध्यक्ष शर्मा की दिल्ली यात्रा पर टिक गई है। सिंधिया के नए पैंतरे से लंबे समय से कार्यकारिणी का इंतजार कर रहे पार्टी नेताओं में अब बेचैनी बढ़ गई है। अगर सिंधिया समर्थकों का संगठन में भी दबदबा बढ़ा तो यह कहना अनुचित न होगा कि सिंधिया बीजेपी के लिए सिरदर्दी साबित हो सकता है। इसी पशोपेश में 6 माह पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बने विष्णु दत्त शर्मा भी अपनी टीम की घोषणा नहीं कर पा रहे हैं। वहीं इस सब में बढ़ी भूमिका दिल्ली शीर्ष की होगी लेकिन भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व शुरुआत से ही सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में दिखा है।