''डिप्टी स्पीकर'' के चुनाव के बाद MP की राजनीति में आया भूचाल

1/11/2019 4:57:20 PM

भोपाल: मध्यप्रदेश में गुरूवार को डिप्टी स्पीकर' के चुनाव को लेकर सालों पुरानी परंपरा टूट गई। इस पद पर कांग्रेस की उम्मीदवार हिना कांवरे को चुन लिया गया है। अब विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों ही पद पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया है। लेकिन इसके बाद MP में सियासत गरमा गई है। एक ओर जहां राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 29 साल बाद इस परंपरा के टूटने पर निराशा व्यक्त की और इस पद को लेकर उपजे विवाद के लिए भाजपा को जिम्मेदार बताया है।




वहीं बीजेपी ने इसे मध्यप्रदेश के लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन बताया। बीजेपी ने ऐलान किया है कि सत्ता पक्ष के खिलाफ राष्ट्रपति के पास जाएगी और विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। बीजेपी ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है। सुत्रों के अनुसार, बीजेपी कोर्ट जाने के बारे में भी अपने वकीलों से मशवरा ले रही है। 
 



बीजेपी ने बताया लोकतंत्र का काला अध्याय 
'डिप्टी स्पीकर' पद हारने के बाद भाजपा ने इसे लोकतंत्र का काला अध्याय बताया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि उन्हें बोलने का मौका तक नहीं दिया गया। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में भाजपा का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही राष्ट्रपति से मुलाकात कर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार करेगा।




यह है विवाद 
दो दिन पहले अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर भी विधानसभा में हंगामा हुआ था। भाजपा ने चुनाव को गलत ठहराते हुए विधानसभा का बहिष्कार किया और राजभवन तक पैदल मार्च निकाला। भाजपा ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया। स्पीकर पद के लिए हुए वोटिंग का भाजपा ने बहिष्कार किया और 120 विधायकों के समर्थन से कांग्रेस ने स्पीकर चुन लिया। सदन की परंपरा यह रही है कि अध्यक्ष सत्ता पक्ष का और उपाध्यक्ष विपक्ष का रहता है। लेकिन 29 साल बाद यह परंपरा टूट गई। दोनों पद पर सत्ता पक्ष काबिज है। सरकार कह रही है गलती विपक्ष की है।



कांग्रेस पर लगाए आरोप
पूर्व स्कूली शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने कहा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के निर्वाचन में या सदन के संचालन में जिस तरह की कार्यवाही और हावभाव प्रदर्शित किया गया है, उनकी निष्पक्षता नहीं दिखाता। हमारे सारे सदस्य नाराज हैं। नियम-प्रक्रिया की मांग कर रहे हैं। अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आ सकते हैं। राष्ट्रपति के पास भी जा सकते हैं। 




नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि,  'सदन में पिछले 4 दिन में जो कुछ हुआ उसमें कांग्रेस ने लोकतांत्रिक संस्थाओं का कत्लेआम किया है। सत्ता पक्ष के इस रवैए की शिकायत पार्टी राष्ट्रपति से करेगी। पार्टी ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है। स्पीकर और सत्तापक्ष ने जो किया उसके बारे में राष्ट्रपति से मिलकर शिकायत करेंगे।  विपक्ष विधानसभा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगा। इसके साथ ही कोर्ट जाने पर भी विचार किया जा रहा है'। 

 

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