जब बाबा साहेब ने की थी बीएन राव की तारीफ, कहा था- संविधान निर्माण में इनका महत्वपूर्ण योगदान, जानिए पूरा सच

Tuesday, Oct 14, 2025-07:35 PM (IST)

मध्यप्रदेश डेस्क: इन दिनों मध्यप्रदेश के ग्वालियर में बाबा साहेब अंबेडकर और बीएन राव समर्थकों के बीच जमकर हंगामा देखने को मिल रहा है। बीएन राव के समर्थकों का मानना है कि असली संविधान निर्माता वही हैं, तो वहीं बाबा साहेब को मानने वालों की राय इससे बिल्कुल उलट है। तो आईए आज आपको बताते हैं कि आखिर कौन है बी एन राव, क्या थी इनकी संविधान बनाने में भूमिका, कैसे थे बाबा साहेब अंबेडकर और बीएन राव में रिश्ते, क्या अंबेडकर ने कभी बी एन राव की तारीफ की थी? इन सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़िए हमारी ये रिपोर्ट…

कौन थे बी एन राव? संविधान निर्माण में क्या थी इनकी भूमिका?
बी. एन. राव 1946 में संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार (Constitutional Adviser) के रूप में नियुक्त हुए थे। उन्होंने विभिन्न देशों के संविधानों का अध्ययन कर भारतीय संविधान के लिए आधार तैयार किया था। बाद में इसी ड्राफ्ट को डॉ. भीमराव आंबेडकर की अध्यक्षता वाली ड्राफ्टिंग कमेटी ने अंतिम रूप दिया। बी. एन. राव (Sir Benegal Narsing Rau) संविधान के प्रारंभिक ड्राफ्ट तैयार करने वाले लोगों में से एक थे, जो संविधान सभा और ड्राफ्टिंग कमेटी को संविधान का प्रारंभिक मसौदा पेश करते थे। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने संविधान सभा के सदस्यों को यह स्वीकार किया था कि बी. एन. राव एवं संविधान के मुख्य ड्राफ्ट लेखक (Chief Draftsman) एस. एन. मुखर्जी (S.N. Mukherjee) का योगदान बहुत महत्वपूर्ण और आवश्यक था।

बाबा साहेब ने की थी बीएन राव की तारीफ...
हां ये सच है कि बाबा साहेब ने बी एन राव की तारीफ की थी। भारत के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने संविधान निर्माण के दौरान भारतीय सिविल सेवा के अधिकारी बी. एन. राव के योगदान की सराहना की थी। ऐतिहासिक दस्तावेज़ों और संविधान सभा की चर्चाओं के अनुसार, बाबा साहेब ने स्वीकार किया था कि बी. एन. राव ने संविधान का प्रारंभिक मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. आंबेडकर ने संविधान सभा में कहा था कि ‘श्री बी. एन. राव ने प्रारंभिक ड्राफ्ट तैयार किया, जिससे संविधान निर्माण की प्रक्रिया को दिशा मिली।’ उन्होंने राव के विधिक ज्ञान और गहन अध्ययन की भी तारीफ़ की थी।

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हालांकि, डॉ. आंबेडकर ने यह भी स्पष्ट किया था कि संविधान का अंतिम मसौदा और उसके प्रावधानों का स्वरूप ड्राफ्टिंग कमेटी के सामूहिक निर्णयों का परिणाम है। उन्होंने कहा था कि संविधान के पीछे अनेक लोगों का परिश्रम है, न कि किसी एक व्यक्ति का।

इस लिहाज से देखा जाए तो बाबा साहेब अंबेडकर औऱ बीएन राव के संबंध न सिर्फ अच्छे थे, बल्कि उस वक्त ये सभी दिग्गज टीम यूनिटी पर भरोसा करते थे। लेकिन मौजदा दौर में दोनों दिग्गजों के समर्थक एक दूसरे को बड़ा दिखाने के लिए विरोध प्रदर्शन तक कर रहे हैं। 


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Content Writer

Vikas Tiwari