भोपाल गैस कांड पीड़ितों को राहत, SC ने मुआवजे की याचिका मंजूर की

1/28/2019 5:10:01 PM

भोपाल: 1984 की रात यूनियन कार्बाइड में हुए गैस कांड के पीड़ितों को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी राहत दी है। सर्वोच्च अदालत ने गैस पीड़ितों को मुआवजे के लिए अतिरिक्त राशि की मांग वाली याचिका को मंजूर कर लिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने कहा है कि वह पीड़ितों की मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार की याचिका पर अप्रैल में सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से गैस पीड़ितों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई, क्योंकि 34 साल बाद उनके हक में फैसला आया है।  
 



यह याचिका केंद्र सरकार और पीड़ितों की ओर से दायर की गई है जिसमें अमेरिका की कंपनी यूनियन कार्बाईड कॉर्पोरेशन से 7413 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग की गई। याचिका में कहा गया है कि, यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल्स के द्वारा पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए अतिरिक्त मुआवजा दिया जाना चाहिए। लेकिन यूनियन कार्बाइड और डाउ केमिकल्स इस पर राजी नहीं हैं। केंद्र की याचिका में कहा गया है कि गैस लीक से पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई के लिए अतिरिक्त मुआवजा चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि वह अप्रैल में केंद्र सरकार द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें भोपाल गैस त्रासदी के पीडि़त के लिए मुआवजे के रूप में अमेरिका स्थित यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन से 7413 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि की मांग की गई है। 




पहले दिया गया मुआवजा

गैस पीड़ितों के लिए यूनियन कार्बाइड ने 3 हजार मृतक और 1.2 लाख प्रभावितों के लिए 715 करोड़ की मुआवजा राशि दी थी। लेकिन असल में भोपाल गैस त्रासदी में मरने वालों की संख्या 15274  है, जबकि प्रभावितों की संख्या 5.74 लाख है। सरकार ने प्रभावितों को 50 हजार रुपए प्रति व्यक्ति और मृतक को 10  लाख रुपए मुआवजे के रूप में दिए हैं।

बता दें कि 2-3 दिसंबर 1984 की रात भोपाल में यूनियन कार्बाइड के पेस्टीसाइड प्लांट में मिथाइल आइसोसाइनाइड का रिसाव हुआ था। जिसने भोपाल को तहस नहस कर के रख दिया था। उसी के बाद से पीड़ितों का मुआवजे के लिए संघर्ष शुरू हुआ जो अब 34 साल पूरा होता दिख रहा है। 

Vikas kumar

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