जानें... ''वंदे मातरम्'' राष्ट्रीय गीत है या राष्ट्रगान, के सवाल पर क्या बोले BJP नेता ?

1/7/2019 6:45:19 PM

खंडवा: प्रदेश में वंदे मातरम को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा पर जो लोग वंदेमातरम गाने के पक्ष में है उन्हें भी वंदे मातरम सही से गाते नहीं आता। भोपाल हो या खंडवा आज भाजपा के नेताओं ने कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल कर सामूहिक रूप से वंदे मातरम् गाने का आयोजन रखा। भोपाल में जहां लाउडस्पीकर से वंदे मातरम बजा कर गाया गया तो वही खंडवा में भाजपा कार्यकर्त्ता मोबाईल में देख कर वंदे मातरम् गाते नजर आए।  



 

मध्यप्रदेश में वंदे मातरम को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ हैं। सीएम कमलनाथ ने वंदे मातरम को गाये जाने पर रोक लगाए जाने की बात की तो पूर्व सीएम शिवराज ने भी ताल ठोक कर कह दिया कि वे सचिवालय के सामने वंदे मातरम गाएंगे। उसके बाद से प्रदेश में वंदे मातरम को लेकर नई बहस शुरू हो गई। हालांकि सीएम कमलनाथ ने यह कह कर अपनी बात से यू टर्न मार लिया की वंदे मातरम नए स्वरुप में पुलिस बैंड के साथ गाया जायगा।


 

शिवराज ने सचिवालय के सामने गाया वंदे मातरम्

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भोपाल में सचिवालय के सामने पार्टी के विधायकों के साथ वंदेमातरम् का गान किया। ऐसे में खंडवा के बीजेपी कार्यकर्त्ता भी कहां पीछे रहने वाले थे, एक दिन पहले रविवार को एलान कर दिया गया की कलेक्टर परिसर के सामने वंदे मातरम् गाया जाएगा। सत्ता में रहते जहां हजारों की भीड़ जुटती थी आज वही वंदे मातरम् पर अपनी देश भक्ति दिखाने चंद लोग ही पहुंचे।  इतना ही नहीं जब लोगों की संख्या कम लगी तो स्कुल जा रहे बच्चों को भी वंदे मातरम् गाने खड़ा कर लिया गया। वंदे मातरम शुरू हुआ तो भाजपा के कार्यकर्त्ता मोबाईल पर ऑनलाइन देख कर वंदे मातरम् गाते नजर आए।  



 

नहीं पता कि वंदे मातरम् राष्ट्रगीत है या राष्ट्रगान

वहीं एक बीजेपी कार्यकर्ता से जब पूछा गया कि वंदे मातरम् कब लिखा गया तो वे नहीं बता पाए। इतना ही नहीं जब उनसे पूछा गया कि वंदे मातरम् राष्ट्रगीत है या राष्ट्रगान तो वे वंदे मातरम् को राष्ट्रगान कहने लगे। हद तो तब हो गई जब इनसे कहा गया कि दो लाइन गा के सुनाईए तो वे इतना भी नहीं गा पाए। इन्हें पता ही नहीं की राष्ट्रगीत क्या होता है।

Vikas kumar

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