ज्योतिरादित्य सिंधिया पर अंकुश लगाएगी बीजेपी ! राजनीतिक गतिविधियों की मॉनीटरिंग शुरू

11/19/2020 11:24:02 AM

भोपाल(हेमंत चतुर्वेदी): मध्यप्रदेश में उपचुनाव के बाद सियासी पटल पर मजबूत हुई बीजेपी में आंतरिक राजनीति का दौर अपने चरम पर है, और फिलहाल इस राजनीति के केंद्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक बने हुए हैं। बीजेपी में कई स्तर पर संबंधित नेताओं को खुद के मुताबिक ढालने की कवायदों का सिलसिला जारी है, इसके साथ ही इन्हें पार्टी की गाइडलाइन में बांधकर रखना भी उसकी प्रमुख चुनौतियों में से एक है। खबर है, कि इसके तहत अब बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनीतिक कवायदों पर अंकुश लगाने की तैयारी है। जिसके लिए उनकी तमाम गतिविधियों में बारीकी से मॉनीटरिंग भी की जा रही है। 



विजयी जुलूस के प्रस्ताव को होल्ड किया !
कुछ दिन पहले ये खबर आई थी, कि आने उपचुनाव के नतीजों को अपने पक्ष में भुनाने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदेश में एक विजयी जुलूस निकालने के पक्ष में थे। लेकिन इस विषय में उन्होंने बीजेपी संगठन और प्रदेश नेतृत्व से कोई चर्चा नहीं की थी। हाल ही में दिल्ली में नरेंद्र सिंह तोमर और वीडी शर्मा के साथ एक मीटिंग में सिंधिया के संबंधित प्रस्ताव को होल्ड कर दिया गया, हालांकि इसके पीछे पार्टी ने एक विशेष रणनीति का हवाला दिया और कहा, कि इस कवायद को निकाय चुनाव से जोड़कर एक नए अमलीजामा पहनाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी यह कतई नहीं चाहती, कि किसी भी स्तर पर सिंधिया पार्टी के सामानान्तर कोई कवायद करें, इसलिए उनकी इस यात्रा को होल्ड किया गया। 



विधायकों से बंद कमरों की मुलाकात पर नाराजगी
उपचुनाव में जीत के बाद दल बदलने वाले कुछ नेता भोपाल बीजेपी मुख्यालय न जाकर सीधे सिंधिया से मिलने दिल्ली पहुंचे थे। खबर है, कि बीजेपी नेताओं को यह बात काफी अखरी थी, पार्टी के कुछ नेता तो दबे सुरों में यह तक कह रहे हैं, कि सिंधिया बीजेपी में कांग्रेस कल्चर लाना चाहते हैं, जो ठीक नहीं है। इसके अलावा खुद के समर्थक विधायकों से बंद कमरे में सिंधिया का मुलाकात करने भी बीजेपी को हजम नहीं हो रहा, संभवत: इसीलिए पार्टी उनकी राजनीतिक कवायदों को खुद के मुताबिक ढालने के जतन कर रही है। 



भोपाल में मिलेंगे सिंधिया को टिप्स
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भोपाल दौरे का एक मकसद यह भी माना जा रहा है, कि इस दौरान संघ और बीजेपी के बड़े नेताओं के साथ बैठकर वह आगामी समय में अपनी रणनीति तय करेंगे और अपनी सियासी गतिविधियों को ऐसी शक्ल देंगे, जो बीजेपी की विचारधारा और उसकी राजनीति से संबंधित रहें। इस मंथन की आड़ में बीजेपी की पूरी कोशिश यह रहेगी, कि सिंधिया को अपने मुताबिक ढाला जाए और उनकी कवायदों में किसी भी स्तर पर बीजेपी को लेकर विरोधाभाष नजर नहीं आई।

meena

This news is meena