पहली बार लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरे प्रत्याशी, लाखों के अंतर से जीते
Wednesday, Jun 05, 2024-01:35 PM (IST)
भोपाल: मध्य प्रदेश में भाजपा ने 29 सीटों पर क्लीन स्वीप किया है। इस चुनावी दंगल में बहुत से ऐसे प्रत्याशी भी रहे, जो पहली बार लोकसभा के चुनावी मैदान में उतरे और शानदार जीत दर्ज की। पार्टी ने पहली ही बार उन पर भरोसा जताया और जनता ने उन्हें भरपूर आशिर्वाद दिया। खास बात कि पार्टी ने भाजपा की कई परंपरागत सीटों से मौजूदा सांसदों को टिकट न देकर इन नए चेहरों पर दांव खेला।
भोपाल से आलोक शर्मा
सबसे पहला नाम भोपाल से प्रत्याशी आलोक शर्मा का आता है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भोपाल उत्तर विधानसभा सीट से चुनाव हार चुके आलोक शर्मा भोपाल का बेहद जाना-पहचाना चेहरा हैं। इस बार उन्होंने पहली बार पार्टी की इस परंपरागत सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और कांग्रेस प्रत्याशी अरुण श्रीवास्तव को पांच लाख से अधिक मतों से शिकस्त दी। आलोक शर्मा भोपाल के महापौर भी रह चुके हैं, ऐसे में इस संसदीय सीट से उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही थी। पार्टी ने पिछले लोकसभा चुनाव में यहां से जीत हासिल करने वाली प्रज्ञा सिंह ठाकुर का टिकट काट कर अपने इस परंपरागत कार्यकर्ता पर भरोसा जताया था।
जबलपुर से आशीष दुबे
दूसरा नाम जबलपुर से भाजपा प्रत्याशी आशीष दुबे का आता है। आशीष दुबे को पहली बार भाजपा ने अपनी इस मजबूत सीट से चुनावी मैदान में उतारा। उन्होंने अपने विरोधी कांग्रेस के दिनेश यादव को चार लाख 86 हजार से भी ज्यादा मतों से हराया। भाजपा ने लंबे समय से इस सीट से भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री राकेश सिंह का टिकट काटकर आशीष दुबे को दिया था।
सागर से डॉ लता वानखेड़े
सागर से भाजपा प्रत्याशी डॉ लता वानखेड़े भी पहली बार मैदान में उतरी है और जनता ने उनपर भरोसा जताया है। लता वाणखेडे ने अपने निकटतम प्रत्याशी कांग्रेस के चंद्रभूषण सिंह बुंदेला को लगभग पौने पांच लाख वोटों के अंतर से हराया। सागर भाजपा की परंपरागत सीट है। कई सालों से यहां से भाजपा के ही प्रत्याशी सांसद बनते आ रहे हैं।
होशंगाबाद से दर्शन सिंह चौधरी
होशंगाबाद से दर्शन सिंह चौधरी ने भी पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा। किसान नेता की छवि वाले श्री चौधरी ने इस सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी संजय शर्मा को लगभग चार लाख 31 हजार के मतों के अंतर से हराया है।
सीधी से डॉ राजेश मिश्रा
सीधी संसदीय सीट से बीजेपी के प्रत्याशी डॉ राजेश मिश्रा ने जीत दर्ज की है। उन्होंने भी पहली बार चुनाव लड़ा और कांग्रेस के कमलेश्वर पटेल को 206416 वोटों से हराया।
रतलाम-झाबुआ सीट से अनीता नागर सिंह चौहान
आदिवासी बहुल रतलाम लोकसभा सीट पर इस बार भाजपा ने अनीता नागरसिंह चौहान को टिकट दिया। अनीता ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और पहली ही बार कांतिलाल भूरिया को हराकर शानदार जीत हासिल की। बता दें 1957 से 1967 तक हुए तीन चुनाव में कांग्रेस ने लगातार हैट्रिक बनाई थी । 2019 के चुनाव में भाजपा के गुमानसिंह डामोर ने कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को पटखनी देकर कमल खिलाया था। अनीता के करीब पौने 2 लाख वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी को पटखनी दी।
बालाघाट से भारती पारधी
बालाघाट से भाजपा ने पहली बार भारती पारधी को लोकभा चुनाव लड़ने का मौका दिया। भारती पारधी ने पहली ही बार कांग्रेस के सम्राट सिंह सरस्वार को 1,74,512 मतों से शिकस्त दी।