CM शिवराज को मुस्लिम धर्मगुरुओं की नसीहत, ज्यादा योगी मत बनो, मामा हो मामा बने रहो...

3/12/2021 5:32:00 PM

भोपाल: मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान लव जिहाद कानून को लेकर विवादों से घिरते नजर आ रहे हैं। दरअसल लव जिहाद के खिलाफ धर्म स्वातंत्र्य कानून पारित होने के बाद  बीजेपी नेताओं ने कुछ ऐसे विवादित ट्विट किए जिन पर कांग्रेस ने आपत्ति जाहिर की है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस मामले मे कांग्रेस अकेली नहीं है। उन्हें मुस्लिम धर्म गुरुओं का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। मुस्लिम धर्म गुरुओं ने तो सीएम शिवराज सिंह चौहान को नसीहत दे डाली कि मामा शिवराज ही बने रहो योगी की तरह ना बनें।



दरअसल, भाजपा नेता रामेश्वर शर्मा ने धर्म स्वातंत्र्य बिल विधानसभा में पारित होने के बाद ट्वीट करते हुए लिखा ''मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान एवं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा जी का आभार।'' इस कैप्शन के साथ जो फोटो शेयर किया गया उसमें एक टोपी धारी शख्स को सलाखों के पीछे दिखाया है। जो किसी धर्मविशेष की ओर इंगित करता है। वहीं सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने भी लिखा कि 'धर्म स्वतंत्रय विधेयक विधानसभा में पारित'। इतना ही नहीं इन ट्वीट को लेकर जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसमें गलत क्या है? अब तक जितने भी लव जिहाद के मामले आए हैं इनमें से ज्यादातर मुस्लिम युवकों से जुड़े हैं।



इसे लेकर यहां कांग्रेस नेता आरिफ मसूद ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को कटघरे में खड़ा किया है तो वहीं मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता आरिफ मसूद ने पूछा है कि ''क्या धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम सिर्फ एक धर्म पर ही लागू होगा? जो टोपी पहने शख्स को सलाखों के पीछे दिखाया गया है।'' इतना ही नहीं उन्होंने चेतावनी दी है कि वो इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के साथ-साथ भाजपा नेताओं के विवादित ट्वीट को भी चुनौती देंगे। वे इसके लिए कानून के जानकारों से सलाह भी ले रहे हैं।



वहीं मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी भाजपा नेताजों के इस ट्वीट में टोपी पहने शख्स को सलाखों के पीछे दिखाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। काजी अजमत शाह मक्की ने तो इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज से सवाल पूछा है कि'' क्या वो अपने नेताजों के इस ट्वीट से इत्तेफाक रखते हैं?। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नसीहत देते हुए कहा कि वे 'मामा शिवराज' ही बने रहे 'योगी' की तरह ना बनें।

 

 

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