134 साल की हुई कांग्रेस, पढ़िए तब से लेकर आज तक का इतिहास

12/28/2018 12:14:35 PM

भोपाल: देश की सबसे पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का आज 134 वां स्थापना दिवस है। आज के ही दिन ब्रिटिश राज में 28 दिसंबर 1885 को 72 प्रतिनिधियों की उपस्थिति में बॉम्बे के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में कांग्रेस का गठन हुआ था। इसके संस्थापकों में एओ ह्यूम, दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे। 1947 में देश की आजादी के बाद कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई।







राहुल ने साधा बीजेपी पर निशाना
 

इस बीज पार्टी के स्थापना दिवस पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा सच का साथ दिया है, आज के समय में बाबा साहेब अंबेडकर का दिया हुआ संविधान खतरे में है, उस संविधान पर हमला हो रहा है। ये देखना दुखद है। लेकिन हमारा कर्तव्य है कि हम संविधान की रक्षा करें। इसके बाद राहुल ने बीजेपी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि, बीजेपी लगातार झूठ के साथ आगे बढ़ रही है बीजेपी की ओर से कांग्रेस के खिलाफ हमले हुए हैं। हम भले ही हार जाएं लेकिन सच का साथ नहीं छोड़ेंगे।

 


 

दिग्विजय सिंह ने दी बधाई
 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया है कि, 'कांग्रेस पार्टी के स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर सभी को हार्दिक शुभ कामनाएं। मुझे विश्वास है हमारे अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में देश की जनता के प्रति समर्पित भावना से सभी कांग्रेस जन सेवा करेंगे और जनता का विश्वास प्राप्त करते रहेंगे।'


 



सिंधिया ने भी दी बधाई
 

कांग्रेस के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट करते हुए कहा कि, 'आज़ादी के आंदोलन से लेकर आधुनिक भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले हमारे समर्पित, निष्ठावान कार्यकर्ताओं को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 134वें स्थापना दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।'
 




कांग्रेस का इतिहास
 

जब कांग्रेस का गठन हुआ था तो उस वक्त देश में ब्रिटिश हुकूमत थी। प्रारंभिक समय में कांग्रेस को कुलीन वर्ग की संस्था माना जाता था। बाल गंगाधर तिलक ने सबसे पहले कांग्रेस के स्वराज का लक्ष्य निर्धारित किया था। लेकिन 15 साल बाद 1907 में कांग्रेस दो दलों के रूप में विभाजित हो गई थी। एक गरम और तो दूसरा नरम दल कहा जाता था। गरम दल का नेतृत्व बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और बिपिन चंद्र पाल करते थे और नरम दल के नेताओं में गोपाल कृष्ण गोखले, फिरोजशाह मेहता और दादा भाई नौरोजी प्रमुख थे। दोनो दलों में सबसे बड़ा अंतर इनकी विचारधारा का था। गरम दल पूर्ण स्वराज की मांग कर रहा था वहीं नरम दल इससे हटकर ब्रिटिश राज में ही स्वशासन लाने की मांग पर जोर दे रहा था। लेकिन 1916 में जब प्रथम विश्व युद्ध हुआ तो लखनऊ में दोनों दल एक हो गए और होम रूल आंदोलन शुरू हो गया। 





1915 में महात्मा गांधी की एंट्री
 

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सबसे बड़ा बदलाव 1915 में आया, जब महात्मा गांधी ने भारत आने पर राजनीतिक योजनाएं बनाई। 1919 में जालियांवाला बाग हत्याकांड के बाद महात्मा गांधी कांग्रेस के महासचिव बनाए गए। गांधी को उस वक्त लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और ड़ा राजेन्द्र पटेल जैसे नेताओं का साथ मिल गया। बढ़ते समय के साथ गांधी के नेतृत्व में ही कांग्रेस कमेटियों का गठन, पदों के लिए चुनाव और भारतीय भाषाओं के प्रयोग का चलन शुरू किया गया।






अब तक बने कुल सात प्रधानमंत्री
 

स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने कुल 49 सालों तक देश की केन्द्रीय सत्ता में राज किया। जवाहर लाल नेहरू देश के व कांग्रेस के प्रथम प्रधानमंत्री थे। आजादी से लेकर 2014 तक 16 आम चुनावों में से कांग्रेस ने 6 बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई और 4 बार सत्तारूढ़ गठबंधन का नेतृत्व किया। देश में कांग्रेस के सात प्रधानमंत्री रह चुके हैं 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस ने आजादी से अब तक का सबसे खराब आम चुनावी प्रदर्शन किया और 543 सदस्यीय लोकसभा में केवल 44 सीट जीत पाईं। देश की आजादी से पहले कांग्रेस एक संगठन के रूप में काम करती थी जो कि बाद में राजनीतिक दल बन गई। वर्तमान में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी हैं। उनसे पहले उनकी मां सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थीं। सोनिया 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष बनाई गईं थीं।




 

Vikas kumar

This news is Vikas kumar