कांग्रेस नेता ने BJP नेताओं को बताया नपुंसक,बोले- जो मंत्री पद नहीं ले सके वे जनता के मुद्दे क्या उठाएंगे

9/23/2020 6:46:03 PM

रीवा(भूपेंद्र शर्मा): मध्य प्रदेश में उपचुनाव से पहले जुबानी जंग तेज हो गई है। विरोधी दल पर हमला करते करते कई वार नेतागण अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर देते हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस पार्टी के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सिद्धार्थ तिवारी ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा तथा किसान सम्मान निधि को चुनावी एजेंडा बताते हुए स्थानीय जनप्रतिनिधियों को नपुंसक करार दे दिया। 

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दरअसल,  प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा के द्वारा लगातार एक दूसरे को निशाने पर लिया जा रहा है वही चुनाव पर इन दिनों सबसे बड़ा मुद्दा बनकर सामने आया है किसान का मुद्दा पूर्व में भी कांग्रेस पार्टी की सरकार किसान कर्ज माफी के मुद्दे को लेकर बनी थी जिसके बाद अब किसान चुनाव का नया मुद्दा देखा जा रहा है ऐसे में किसान को खुश करने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों आमने-सामने हो गए। एक और जहां किसानों को लेकर केंद्र सरकार के द्वारा कृषि विधेयक बिल पास किया गया है। वही प्रदेश सरकार के द्वारा किसान सम्मान निधि बढ़ाने को लेकर ही वादा किया गया है जिसके बाद अब कांग्रेस पार्टी किसानों को साथ में लेकर चलने को तैयार दिख रही है।

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रीवा में भी किसान हित के मुद्दे को लेकर आज कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी के द्वारा पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया यहां पर उन्होंने कृषि विधेयक बिल को लेकर आपत्ति जताई और सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस बिल में संशोधन नहीं किया गया तो किसानों को साथ लेकर वह उग्र आंदोलन करेंगे जिसकी जवाबदेही सरकार की स्वयं की होगी।

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इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी ने प्रदेश सरकार के द्वारा किसान सम्मान निधि बढ़ाने के वादे को लेकर भी निशाना साधा है और उन्होंने किसान सम्मान निधि बढ़ाने के वादे को चुनावी एजेंडा करार दिया। कांग्रेस नेता सिद्धार्थ तिवारी का कहना है कि रीवा जिले के जनप्रतिनिधियों के द्वारा जनता से संवाद नहीं किया जा रहा है जिसके कारण रीवा की जनता खुद को ठगा सा महसूस कर रही है। सिद्धार्थ तिवारी ने कहा है कि जिले के जनप्रतिनिधियों की स्थिति को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि यह नपुंसक हो गए हैं क्योंकि जब यह खुद अपनी सरकार से खुद के लिए मंत्री पद नहीं ला सके तो किसान और जनता के मुद्दे पर कैसे खरे उतरेंगे। बता दें कि रीवा जिले में बीजेपी के 8 विधायक व सांसद हैं।                   


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meena

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