विकास के एनकाउंटर पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कुछ लोगों को बचाने के लिए रची गई ये कहानी

7/10/2020 5:22:57 PM

भोपाल(इजहार हसन खान): मैं हूं विकास दुबे, कानपुर वाला विकास दुबे, ये शब्द थे महाकाल मंदिर में गिरफ्तार किए गए गैंगस्टर विकास दुबे के इनसे प्रतीत होता था कि उसे अंदाजा भी न होगा कि आने वाला कल उसकी जिंदगी का आखिरी दिन होगा। कानपुर से शुरु हुई विकास दुबे की कहानी आखिरकार कानपुर में ही खत्म हो गई और वह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। इन सब के बीच कुछ सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या विकास के एनकाउंटर की पटकथा मध्यप्रदेश में ही लिखी जा चुकी थी? 
 


ये सवाल अब विपक्ष ही नहीं बल्कि अब बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती भी उठा रही हैं ट्वीट करते हुए उन्होंने एक के बाद एक सवाल विकास दुबे की गिरफ्तारी पर किए हैं। उन्होंने शिवराज सरकार से पूछा है कि वह उज्जैन कैसे आया और कितने देर रुका?



अनसुलझी पहेली बन कर रह गई विकास की गिरफ्तारी
जब विकास दुबे को महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया गया तो ये बातें सामने आई कि उसने सरेंडर किया है लेकिन जब उसे गिरफ्तार करके मंदिर से बाहर लाया जा रहा था। न तो उसके हाथों में हथकड़ियां थी और न ही उसके साथ कोई बड़ा अफसर उसके बगल में सिर्फ एक गार्ड औऱ पीछे कुछ पुलिस कर्मी थे। जिसे देखकर ये अंदाजा तो लगाया ही नहीं जा सकता था कि विकास दुबे गिरफ्तार किया गया है। 



ये बातें चर्चा में बनी कि विकास ने सरेंडर किया है लेकिन दूसरी ओर पुलिस और कुछ अधिकारियों द्वारा इस बात पर भी जोर दिया जाता रहा कि विकास ने सरेंडर नहीं किया बल्कि वह भाग रहा था पुलिस ने उसे पक़ड़ा। मामले में बड़ी बात तब सामने आई कि जब विकास दुबे का एनकाउंटर किया गया तो घटना स्थल पर जो कार पलटी हुई दिखाई दी  ये वो कार नहीं थी जिसमें उसे बैठाया गया था इसी मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी तमाम सवाल खड़े किए हैं 



वहीं मध्यप्रदेश के पूर्व जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने भी भाजपा पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि ये एनकाउंटर सिर्फ इसलिए किया गया ताकि दूसरे लोगों के नाम उजागर न हों। इसी के साथ कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की बात कही है।


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि जिसका शक था वह हो गया। अब राजनीतिक राज पर पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है। उसके सरेंडर से लेकर एनकाउंटर तक की कार्रवाई संदेह के घेरे में है। उसकी सीबीआई जांच होनी ही चाहिए। जिसका शक था वह हो गया। विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा। पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?



वहीं सवाल तो ये भी सामने आ रहे हैं कि जब विकास दुबे को चार्टर्ड प्लेन से ले जाने की प्लानिंग थी तो फिर अचानक से उसे सड़क के रास्ते क्यों लाया जा रहा था और दूसरा सवाल ये है कि जो अपराधी एक निहत्थे गार्ड की पकड़ में आ गया। वो STF से गन लेकर कैसे भाग सकता है ।

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This news is Edited By meena