लॉकडाउन में कोरोना के खौफ पर भारी पड़ी शराब? सरकार भी खुश, शराबी भी खुश

5/4/2020 4:42:13 PM

मध्यप्रदेश डेस्क (विकास तिवारी): पिछले करीब 40 दिनों से लॉकडाउन के चलते अपने-अपने घरों में कैद लोग लॉकडाउन में ढील मिलते ही बेहद खुश हो गए। जिसकी वजह कुछ और नहीं बल्कि शराब में छूट है। जी हां, पिछले करीब 40 दिनों से शराब के बिना जी रहे लोग छूट मिलने के बाद इतने आतुर दिखे, कि सुबह होते ही शराब दुकान के सामने भीड़ लगा ली। देश की राजधानी दिल्ली से लेकर तमाम राज्यों में लोग बेहद खुश दिखे। शायद इतने खुश जैसे मानों कोरोना खत्म करने की दवाई मुफ्त में बंट रही हो।



दरअसल लॉकडाउन 3.0 में कुछ शर्तों के साथ कई दुकानों को खोलने की अनुमति मिल गई। चालीस दिन बाद पहली बार शराब की दुकानों को भी सोशल डिस्टैंसिंग की शर्तों के साथ खोलने की अनुमति मिली है। इसका असर ये हुआ कि सुबह शराब की दुकान खुलते ही शहरों में लोगों की लंबी कतारें लग गईं। 40 दिन से शराब से दूर लोगों के चेहरे पर ऐसी खुशी दिखी जैसे कि शराब पीते ही कोरोना छू मंतर हो जाएगा, इस बीच न तो किसी को सोशल डिस्टेंसिंग का होश था, और न ही कोरोना का खौफ, बस दिख रही तो शराब की दुकान।



शराब दुकान के लिए लाइन में सभी दर्जे के लोग खड़े दिखाई दिए, फिर चाहे वो गरीब हो या अमीर, युवा हों या बुजुर्ग। लेकिन बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या बिना शराब के जीना मुश्किल है? दूसरा सवाल ये भी खड़ा हुआ कि कोरोना के खौफ और लॉकडाउन के बीच शराब दुकान खोलना जायज है?  इसको लेकर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा हो रही है कि क्या राज्यों की अर्थव्यवस्था शराब भरोसे चल रही है। आइये जानते हैं कि शराब से राज्यों को कितनी कमाई होती है।

 

शराब से सभी राज्यों की कितनी होती है कमाई...
देखा जाए तो राज्यों की कमाई के मुख्य स्त्रोत SGST, भू राजस्व और पेट्रोल डीजल पर लगने वाला वैट है। लेकिन हम बात करें शराब की तो शराब पर लगने वाला एक्साइज टैक्स राज्यों के राजस्व के लिए बड़ी योगदान निभाता है। किसी भी राज्य के राजस्व का बड़ा हिस्सा शराब और पेट्रोल डीजल से ही आता है।  ज्यादातर राज्यों के कुल राजस्व का 15 से 30 फीसदी हिस्सा शराब से आता है। सभी राज्यों की बात की जाए तो पिछले वित्त वर्ष में उन्होंने करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये की कमाई (टैक्स राजस्व) शराब बिक्री से हासिल की थी। लेकिन दो राज्य बिहार और गुजरात में शराब प्रतिबंधित है।



ऐसे में देखा जाए तो देश की अर्थव्यवस्था में एक बड़ा स्थान शराब का भी है। भले ही शराब के दाम कितने भी बढ़ जाएं, लेकिन लोग इसे नहीं छोड़ पा रहे हैं, जो उनके लिए हानिकारक तो सरकार के लिए बेहद लाभदायक है।

Vikas kumar

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