कोरोना ने छीन ली थी रोजी रोटी, लेकिन अब खुद मालिक बन गए बस कंडक्टर और ड्राइवर

12/9/2020 4:00:55 PM

बालाघाट: कोरोना वायरस के संक्रमण ने कई लोगों से उनका रोजगार छीन लिया। ऐसे में कई बेरोजगारों ने तो हार मान ली लेकिन कईयों ने इसे नया अवसर मानकर एक नई शुरुआत की। बहुत से ऐसे लोग हैं जो रोजगार सृजित कर अपनी रोजी रोटी का जुगाड़ लगाने में सफल हुए और उनकी गाड़ी फिर से पटरी पर आ गई। ऐसा ही एक मामला बालाघाट में सामने आया है जिसे पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के नारे से जोड़ कर भी देखा जा रहा है ।

कोरोना काल में आमजन से लेकर बड़े बड़े उद्योगपति तक प्रभावित हुए। इनमें ड्राइवरी या कंडक्टरी का काम करने वाले लोग ज्यादातर प्रभावित हुए हैं। कई कई महीनों तक आवाजाही बंद रही और गाड़ियों के चक्के थमे रहे। ऐसे में निजी बसों के बेरोजगार हो चुके ड्राइवर-कंडक्टरों ने समिति बनाकर आपसी सहयोग से चार बसें खरीदकर परिवहन विभाग की सभी औपचारिकताएं पूरी की और अब यात्रियों को सरकारी दर पर उनके गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए तैयार है।



ड्राइवर-कंडक्टर संघ के जिलाध्यक्ष योगेश यादव ने बताया कि मार्च महीने से लेकर पिछले महीने तक कोरोना की वजह से बंद हुई बसों की वजह से उनके ड्राइवर कंडक्टर बेरोजगार हो गए थे । जिनकी सुध न बस मालिकों ने ली और न सरकार ने।



ऐसे में हमने आपसी सहयोग से चार पुरानी बसें खरीदकर पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाया है । हमारी 4 बसें अलग अलग रूट में जाएंगी हम टोटल कंडक्टर ड्राइवर मिलाकर 31 लोग हैं और आगामी समय में और भी बसें चलाने का हमारा प्रयास रहेगा। इन्होंने समिति को महासंघ का नाम दिया है और बसों पर आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम का नारा लिखवाया है।

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