उजड़ रहे पन्ना टाइगर रिजर्व को नई जिंदगी देने वाली बाघिन टी-1 की मौत, 13 बच्चों को जन्म देकर बढ़ाया था परिवार
Wednesday, Feb 01, 2023-06:05 PM (IST)

पन्ना(मुकेश कुमार): टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-1 जिसे मदर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व कहा जाता है वह नहीं रही। बता दें कि टी-1 ने उजड़े हुए पन्ना टाइगर रिजर्व को फिर से बसाने में प्रमुख भूमिका अदा की थी। वर्ष 2009 में जब पन्ना टाइगर रिजर्व बाघ विहीन हो गया था तब यह बाघिन बांधवगढ़ से पन्ना लाई गई और इसे टी-1 नाम दिया गया। उसके बाद इसके बच्चों ने इस पार्क को आबाद किया। इस बाघिन को मदर ऑफ पन्ना टाइगर रिजर्व भी कहा जाता है। आज टी-1 की वजह से ही पन्ना में लगभग 80 से भी ज्यादा बाघ है।
बता दें कि गश्ती दल द्वारा सूचना दी गई कि एक बाघिन के अवशेष देखे गए हैं। तत्काल मौके पर वन अधिकारी एवं वन अमला पहुंचा एवं डॉग स्क्वायड के द्वारा सर्चिग कार्य किया गया और जब अवशेषों का परीक्षण वन्य प्राणी चिकित्सक द्वारा क्षेत्र संचालक, उपसंचालक एवं राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली के प्रतिनिधि इंद्रभान सिंह बुंदेला की उपस्थिति में किया गया तो परीक्षण के दौरान अवशेषों के पास निष्क्रिय रेडियो कॉलर पाया गया जो कि बाघिन टी-1 को वर्ष 2017 में पहनाया गया था एवं डॉग स्क्वायड को सर्चिंग के दौरान संदेहास्पद साक्ष्य प्राप्त ना होने के कारण यह अंदाजा लगाया गया है कि बाघिन की मृत्यु प्राकृतिक रूप से हुई है।
फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व बृजेंद्र झा ने बताया कि बाघिन टी-1 वर्ष 2009 में पन्ना टाइगर रिजर्व में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाघ पुनर्स्थापना योजना के तहत लाई गई थी। इसकी आयु लगभग 17 वर्ष की थी सामान्यता फ्री रेसिंग में बाघ-बाघिन की आयु लगभग 14 वर्ष होती है। बाघिन पी-1 के द्वारा 5 लीटर में 13 बच्चों को जन्म दिया गया है। बाघिन द्वारा अंतिम बार 2016 को शावकों को जन्म दिया गया।
पन्ना टाइगर रिजर्व में यह बाघिन 14 वर्ष से अधिक समय तक स्वच्छंद विचरण करती रही जो कि अपने आप में उल्लेखनीय वृद्धि हो जाने के कारण बाघिन पन्ना टाइगर रिजर्व में स्वच्छंद विचरण कर रही थी एवं शिकार ना कर पाने के कारण दूसरे बाघों के शिकार को खाकर अपना पेट भर रही थी पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ पुनर्स्थापना योजना में बाघिन टी-1 का अहम योगदान रहा। इसकी मृत्यु होने पर समस्त वन अमला दुखी है एवं हृदय से अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।