एक बार फिर बरसे दिग्विजय! बुलडोजर नीति को बताया एकतरफा, पूछा- क्या विपक्ष सवाल भी नहीं कर सकता

4/13/2022 7:45:34 PM

इंदौर(सचिन बहरानी): रामनवमी शोभायात्रा पर खरगोन में हुई हिंसा को लेकर मध्य प्रदेश सरकार और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह में बयानबाजी जारी है। एक तरफ शिवराज सरकार ने उन पर माहौल खराब करने के आरोप लगाते हुए कार्रवाई की बात कही है तो वहीं दिग्विजय सिंह ने ट्वीट के माध्यम से सरकार पर कई सवाल दागे हैं। दिग्विजय सिंह ने खरगोन में हिंसा के बाद हुई कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए आरोप लगाए है कि सरकार धर्म के आधार पर कार्रवाई कर रही है।

दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर पूछा कि  क्या ख़रगोन प्रशासन ने लाठी तलवार जैसे हथियारों को ले कर जुलूस निकालने की इजाज़त दी थी? क्या जिन्होंने पत्थर फेंके चाहे जिस धर्म के हों सभी के घर पर बुलडोज़र चलेगा? शिवराज जी मत भूलिए आपने निष्पक्ष हो कर सरकार चलाने की शपथ ली है। भारतीय संविधान में हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। धर्म देख कर शिवराज जी कार्रवाई करना असंवैधानिक है। मैं मूल रूप से बिना नोटिस बिना किसी को सुनें कार्रवाई के खिलाफ हूँ। क्या भारत के किसी क़ानून या नियम में इस बुलडोज़र संस्कृति का प्रावधान है? यदि आपको ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से बुलडोज़र चलाना ही है तो उसमें धर्म के आधार पर पक्षपात तो ना करें।

प्रश्न हैं कि
1.क्या इस देश में अब प्रश्न पूछना भी गुनाह हो गया है?
2.विपक्ष के नेता के रूप में क्या हम अपने देश/ प्रदेश की जनता के एक वर्ग के खिलाफ बन रहे ऐसे माहौल पर सवाल नहीं कर सकते?
3.क्या बग़ैर नोटिस और बग़ैर जांच-परख के अपने विरोधियों पर बुलडोज़र हमला न्यायसंगत है?
4.क्या लोकतंत्र अब एकतरफ़ा राजनीतिक विचार से ही चलेगा ?

मेरा प्रशासन और देश की न्याय व्यवस्था से यह सवाल है कि जो पूरे देश को दिख रहा है वह व्यवस्था के उच्च शिखर पर बैठे लोगों को क्यों नज़र नहीं आ रहा है। जो लोग खुलेआम उन्मादी भाषण दे रहे हैं। जो लोग महिलाओं के खिलाफ कुकृत्य कर रहे हैं, उन्हें उत्पीड़न का शिकार बना रहे हैं, उनके ख़िलाफ़ कोई FIR/ कोई बुलडोज़र/ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? मैं इस तरह के उन्मादी और नफ़रती विचारधारा के खिलाफ हूं और सदैव लड़ता रहूंगा। जो भी यह समझते हैं कि मैं सही हूं वह हमारे साथ जुड़कर आवाज़ उठाएं और लोभ, मोह या भय से दबी व्यवस्था के खिलाफ आगे आएं।


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meena

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