E-Tendering: सामने आई बड़ी जानकारी, हजारों की संख्या में टेडरों में गड़बड़ी की आशंका

12/24/2018 12:36:31 PM

भोपाल: बहुचर्चित ई-टेंडरिंग घोटाले में एक नया खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार हजारों की संख्या में टेंडरों में गड़बड़ी की बात सामने आ रही है। इस बीच यह बात भी सामने आई है कि, लोक निर्माण विभाग के द्वारा टेंडर नंबर 43 हजार 672 जिसकी लागत राशि 84.53 करोड़ रुपए थी। इसमें भी गड़बड़ी की गई है। यह टेंडर तराना-मक्सी और रूपा खेड़ी सीमेंट कांक्रीट रोड बनाने के लिए किया गया था। यह टेंडर इंदौर के पीडी अग्रवाल नाम के ठेकेदार को 29 दिसंबर 2017 में दिया गया था। 

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लेकिन पीडब्ल्यूडी के द्वारा इस मामले को लगातार दबाने का प्रयास किया जा रहा है। जब इस मामले की शिकायत आई थी तो इसके दूसरे दिन ही विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान ने लोक निर्माण विभाग के ईएनसी ऑफिस पहुंचकर इस मामले की फाइल अपने पास रख ली थी। इसको लेकर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी मोहम्मद सुलेमान पर आरोप लगाए थे। पीडब्ल्यूडी सूत्रों के अनुसार विभाग में दो सौ से अधिक ऐसे टेंडर हैं जिनमें टेंपरिंग कर मनचाहे लोगों को टेंडर आवंटित किए गए। टेंडरों में टेंपरिंग का ये खेल 2014 से चल रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि, पीडी अग्रवाल के टेंडर की जानकारी विभाग को थी इसके बावजूद इसे ईओडब्लू को नहीं सौंपा गया।

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बता दें कि, सबसे पहले यह मामला मई में लोक स्वास्थ यांत्रिकी पीएचई विभाग में आया था। यहां पर उस वक्त के ज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने पीएचई के प्रमुख सचिव प्रमोद को पत्र लिखा और ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल में टेंपरिंग कर एक हजार करोड़ रुपए के तीन टेन्डर के रेट बदलने के बारे में बताया। इसके बाद तीनों टेन्डरों को निरस्त कर दिया गया। इन टेन्डरों में दो उन पेयजल योजनाओं के थे जिनका शिलान्यास पीएम मोदी करने वाले थे। 


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Vikas kumar

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