आत्महत्या ही क्यों? जिंदगी से हार चुके इंजीनियर ने 4 पन्नों के सुसाइड नोट में बताई दर्द भरी कहानी

8/28/2021 8:58:31 PM

भोपाल(इजहार हसन खान): कहते हैं हर समस्या का हल होता है समस्या से दूर भागना या मौत को गले लगाना कोई समाधान नहीं होता...जिंदगी अनमोल है ...संघर्ष करते रहना चाहिए...लेकिन मध्य प्रदेश के भोपाल में एक नौकरी खो चुका सिविल इंजीनियर जिंदगी में संघर्ष करते करते इतना हार गया कि उसने अपने परिवार समेत जान देने का खौफनाक कदम उठाया। हालांकि 4 सदस्यों के इस परिवार में दो की मौत हो गई जबकि दो का अस्पताल में इलाज चल रहा है।



पहले सिविल इंजीनियर ने अपने 16 साल के बेटे चिराग ठाकरे और 14 साल की बेटी गुंजन ठाकरे का टाइल्स काटने वाले कटर से गला काटा फिर पत्नी रंजना ठाकरे(50 साल) और खुद (रवि ठाकरे पुत्र लक्ष्मण राव ठाकरे 55साल) जहर खाकर जान दे दी। इस घटना में बेटे और रवि ठाकरे की मौत हो गई जबकि पत्नि रंजना व बेटी गुंजन अभी मौत और जिंदगी से अस्पताल में लड़ रही हैं।



आखिर क्यों उठाया ये कदम
सिविल इंजीनियर ने सुसाइडनोट में लिखा कि 20 साल से सिविल इंजीनियरिंग की लाइन में काम कर रहा था लेकिन जून महीने में नौकरी चली गई। आर्थिक तंगी आ गई। 2 साल से बच्चों की फीस नहीं भर पा रहा था। कोरोना के कारण पत्नी का घरेलू बिजनस भी बंद हो गया था। बच्चे अच्छे नंबर लाते थे लेकिन अच्छे नंबर से पेट नहीं भरता।



खुद का घर है लेकिन उसपर बैंक लोन है जिसे चुका नहीं पा रहे हैं। खर्चों से पूरा परिवार परेशान रहता था। इसलिए मौत को गले लगा रहा हूं। सारे सुसाइडनोट भले ही इंजीनियर की मजबूरी बयां करते हो लेकिन जिंदगी अनमोल है। मुश्किलों का सामना हंस कर करना चाहिए...

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This news is Content Writer meena