कोरोना की दूसरी लहर के साथ एक और बीमारी फंगल इन्फेक्शन का कहर! जा रही आंखों की रोशनी

5/12/2021 7:20:50 PM

इंदौर(सचिन बहरानी): इंदौर में भी कोरोना से ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं। वे सामान्य रूम एयर पर थे, लेकिन शुगर लेवल बढ़ने से म्यूकर फंगल का शिकार हो गए  निजी अस्पताल के ऑर्बिट सर्जन डॉ. भाग्येश पोरे बताते हैं कि पिछले साल भी इस तरह के इक्का-दुक्का केस आते थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़ गए हैं। अब रोज चार-पांच केस आ रहे हैं। अभी इस पर ज्यादा स्टडी नहीं हुई है। अभी तक इंदौर के my हॉस्पिटल में 11 से जादा मरीज भर्ती है जिसमें से 3 की मौते भी हुई है।

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देशभर में कोरोना के साथ - साथ अब ऐसी बीमारी भी सामने आ रही है जो लोगों पर जानलेवा वार कर रही है। वही कुछ केस में तो लोगों की एक आंख तो कभी दोनों आंखों की रोशनी भी खत्म हो रही है। जी हां ! महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात के बाद म्यूकोमाइकोसिस अब मध्यप्रदेश में लोगों पर वार कर रहा है। कोरोना से उभर चुके लोगों की जान पर अब काला  फंगस का साया मंडराने लगा है जो कई केसेस में जानलेवा भी साबित हुआ है। इंदौर में अब तक 11 ऐसे मामले सामने आ चुके है जिनमें कोरोना को हराने वाले काला  फंगस का शिकार हो चुके है। वहीं इनमें से 2 मरीजो की तो आंख निकालकर ही जान बचाई जा सकती है। 

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एक और अनजान खतरे से अब आम आदमी हैरान है। ऐसे में एक्सपर्ट ही ऐसे मामलों में लोगो को कारगर उपाय बता रहे है। इंदौर में 10 साल से ऑर्बिट सर्जरी कर रहे। डॉक्टर भाग्येश पोरे की माने तो ब्लैक फंगस से समस्या बढ़ी है और लोग अपनी आंखें तक गंवा रहे है। उन्होंने बताया कि ऑर्बिटल म्यूकस मायकोसिस एक फंगल इंफेक्शन है। उन्होंने बताया कि लोग पॉजिटिव होने के बाद अस्पताल में इलाज करवाते है। जहां उन्हें अलग अलग दवाईयां दी जाती है। जो जान बचाने के लिए बहुत आवश्यक है लेकिन ये दवाइयां कोविड मरीजों का शुगर लेवल बढ़ा देती है। उन्होंने बताया कि कोविड पेशेंट के डिस्चार्ज होने के 2 - 3 दिन में ही पलकें झुकना, नजर तेज गति से कमजोर हो जाना, आंख में सूजन आना और चेहरे का दर्द लेकर पेशेंट हमारे पास आ रहे है। उन्होंने बताया कि जब ऐसे मरीजों का सिटी स्केन कराया जाता है तो पता चलता साइनस में म्यूको मायकोसिस है। उन्होनें म्यूकर इतना तेजी से फैलता है कि वो सीधे दिमाग में फैल जाता है। वही इसका इलाज भी महंगा है और एक दिन का इलाज औसतन 25 से 30 हजार रुपये प्रतिदिन आता है और पेशेंट को कम से कम 20 से 30 दिन का इलाज चाहिए होता है। जानलेवा फंगस कई बार आंख निकाल लेने के बाद भी जान ले लेता है। 

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डॉक्टर ने बताये ये उपाय
डॉ. भाग्येश पोरे की माने तो ऑर्बिटल म्यूकर मायकोसिस से बचने के लिए ये उपाय आमतौर मरीजों को बचा सकते है। उन्होंने बताया कि कोविड पेशेंट जब भी डिस्चार्ज होकर हॉस्पिटल से घर लौटे तो शुगर की मॉनिटरिंग नियमित तौर पर करे और जब भी लगे कि शुगर लेवल सामान्य से बढ़ा है तो डॉक्टर की सलाह लेकर इंसुलिन या अन्य दवाइयों के जरिये नियंत्रित करे।  एंटीसेप्टिक साल्यूशन जैसे आयोडीन साल्यूशन का उपाय करें। आयोडीन सॉल्यूशन को कम मात्रा में डायलोट कर उसकी 2 से 3 बूंदे रोज सुबह और शाम को अपनी नाक में छोड़े जिससे कभी इंफेक्शन पनपना शुरू हो रहा है तो एंटीसेप्टिक उसको रोक सकें। वही मरीजों को ज्यादा ज्यादा ऑक्सीजन और ताजी फ्रेश हवा लेनी चाहिए। इसके लिए मरीज प्राणायाम कर सकते हैं, तेजी से सांस अंदर बाहर लेने जैसे व्यायाम करना चाहिए। ऐसे उपायों से मरीज काला  फंगस के इंफेक्शन से बच सकते हैं। 

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कोरोना के बाद से ब्लैक फंगस के मामले बढ़े हैं इस पर ध्यान देना जरूरी है अभी तक हमारे यह 3 लोगो की मौत हो गई है और 11 का उपचार जारी है ये बहुत तेजी से फैलने वाला है फंगस है इस बात का धयान रखना जरूरी है। 


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Content Writer

meena

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